गणपत बलकारी जी... | Bhajan - 1 | Ganesh Vandana | Ganpat Balkari Ji ...
गजानन भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफल चारु
भक्षणम।
उमा सुतं शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद
पंकजम।।
अस्थाई
गणपत बलकारी जी, फतह म्हारी आज करो।
रिद्धि-सिद्धि के दाता जी, फतह म्हारी आज करो।।
कुण तो तुम्हारो देवा, पिता रे कुहावे।
कुण थारी माताजी, फतह म्हारी आज
करो ।।१।।
पिता तो हमारो देवा है शिव शंकर।
माता पार्वती, फतह म्हारी आज करो ।।२।।
गुड़ के मोदक, भोग लगत है।
फुलडॉ री माला जी, फतह म्हारी आज करो ।।३।।
रणत भवन सू थे, आवो जी विनायक।
ऋद्धि सिद्धि ल्यावो जी, फतह म्हारी आज
करो ।।४।।
भक्त मंडल, अरदास करत हैं।
संकट काटो जी, फतह म्हारी आज
करो ।।५।।
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