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जब जब तेरे द्वार पे आये ...| Bhajan - 65 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Jab Jab Tere Dwar Pe Aaye ...

( तर्ज- एक दिन भोले भण्डारी .. ) अस्थाई : जब जब तेरे द्वार पे आये , सारे कष्ट मिटाये लाल लंगोटे वाले , हाथ में घोटे वाले ।। टेर ।। संकट मोचन नाम तिहारो , दास तेरा गण गाये । लाल लंगोटे वाले , हाथ में घोटे वाले ॥ टेर॥ अन्तरा : रूप तुम्हारा बाबा , है रे निराला चारों धाम से , भूत पिशाच और पापी, तो डरते तेरे नाम से , पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी , महिमा जग में भारी ॥१॥  लाल लंगोटे वाले ....   मात सिया की सुध , लेकर आये गढ़ लंक से , भ्राता से भी प्यारे हो तुम , राम ने कहा रण बंक से , हाहाकार मचा लंका में , आग लगा दी भारी ॥२॥   लाल लंगोटे वाले ....   शक्ति लगी लक्ष्मण के , ब्याकुल हुए श्री राम रे , द्रोणागिरी पर जाके , लायो संजीवन हनुमान रे , वैद्य सुषेन सहित संजीवन , लाये परवत धारी ॥३॥   लाल लंगोटे वाले ....   माता ने कहा प्यारे , अमर रहेगा तेरा नाम रे , सूरज चाँद सितारे , जब तक रहेगा आसमान रे , कलियुग में भी घर-घर होगी तेरी पूजा भारी ॥४॥   लाल लंगोटे वाले ....

भक्तों के मन में बस गयो रे ....| Bhajan - 64 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Bhakton Ke Mann Main Bas Gayo re ...

( तर्ज- चलत मुसाफिर मोह लियो रे .. ) भक्तों के मन में बस गयो रे , यो अंजनी को लालो। राम की सेवा पा गयो रे , यो अंजनी को लालो ।।   बाल समय रवि मुख में राख्यो , मां अंजनी को कहणों मान्यों , जग में नाम कमा लियो रे , यो अंजनी को लालो ।।१।।  भक्तों के मन में  ...   मात सिया को सुधि ले आयो , सोने की लंका पल में जलायो , राम को काज सँवार दियो रे , यो अंजनी को लालो ॥२॥   भक्तों के मन में  ...   लागी शक्ति जब लक्ष्मण के , मूर्छित हो के पड़े घरणी पे , बूटी ला प्राण बचा दियो रे , यो अंजनी को लालो ॥३॥   भक्तों के मन में  ...   बालाजी को जो कोई ध्यावे , बसि बैकुण्ठ अमर पद पावे , ' भक्त मंडल ' कहे भज लो रे , यो अंजनी को लालो ।।४।।   भक्तों के मन में  ...

भक्त सभी मिलकर थे आओ ...| Bhajan - 63 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Bhakt Sabhi Milkar The Aao ...

( तर्ज-धन्य घड़ी धन्य भाग्य हमारा... ) अस्थाई : भक्त सभी मिलकर थे आओ , प्रेम भरी आवाज लगाओ | जय बजरंगी बाला की , जय बजरंगी बाला की | जय अंजनी के लाला की ।।टेर ।। अन्तरा : रंग बिरंगी ल्यावां जी , फूलों का हार बनावां जी। मण्डप पान सजावां जी , लाल ध्वजा फहरावा जी। आसन पे हनुमान विराजे , तन सिन्दूरी चोलो साजे । जय बजरंगी बाला की ॥१॥  भक्त सभी मिलकर ...   जगमग ज्योति जगावां जी , सिर पर छत्र चढ़ावां जी खीर चूरमो श्री फल को , प्रेम से भोग लगावा जी। कंचन थार कपूर सजावां , हिल मिल मंगल आरती गावां । जय बजरंगी बाला की ॥२॥  भक्त सभी मिलकर ...   ढोलक झांझ नगारा जी , बाज रहा झंकारा जी। भजन करो बाला जी का , होकर के मतवारा जी। झूम झूम कर ताली बजाओ , बार बार सबसे बुलवाओ। जय बजरंगी बाला की ॥३॥  भक्त सभी मिलकर ...   चरणां धोक लगावां जी , बाबा का दर्शन पावां जी। सबका दुखड़ा दूर करो , याही अर्ज सुनावा जी। ' हनुमान मंडल ' पर कृपा किज्यो , बाल रूप म दर्शन दिज्यो। जय बजरंगी बाला की ॥४॥  भक्त सभी मिलकर ...

बालासा थान, कुण सजायो जी ...| Bhajan - 62 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Balasa Thane Kun Sajayo Ji ...

( तर्ज-बाई सारा वीरा ) अस्थाई बालासा थान , कुण सजायो जी , म्हारो मनड़ो हर लिन्यो , थारी सूरत मतवारी ।। टेर ।।   अन्तरा थार हाथ में घोटा , लाल लंगोटा जी , थार लाल सिन्दुर चढ़े , थे देव हो बलकारी ॥१॥  बालासा थान ...   तेरा उत्सव आया , मन हर्षाया जी , सब झूम झूम नाच , जै बोल है थारी ॥२॥  बालासा थान ...   थे राम नाम की धुन में, मतवाला जी , है अजर अमर गाथा है, माया अजब थारो ॥ ३ ॥  बालासा थान ...   माला को तोड़ा , सीने को चीर लिया , है अंजनी के लाला , जै हो जै हो थारी ।। ४ ।।  बालासा थान ...   ये सेवक तेरा , लाड़ लड़ाया जी , तेरी सूरत पर बाबा , " बनवारी" बलिहारी॥ ५ ॥  बालासा थान ...

जग में निराली थारी शान ... | Bhajan - 60 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Jag Se Nirali Thari Shaan ...

( तर्ज : होलिया में.....) जग में निराली थारी शान , ओ सालासर के बालाजी ओ सालासर बालाजी , ओ मेहन्दीपुर के बालाजी थे तो कुहावो बलवान , ओ मेहन्दीपुर के बालाजी।।   लाल ही चोलो थारो , लाल लंगोटो-२ हाथ में साजे थारे मोटो सो घोटो-२ दृष्टों को खैच लियो प्राण । ।  ओ सालासर.....   । १ ।   मंगल , शनिवार दोनू वार है थारा-२ पूजा करे थारी भगत भी सारा-२ थारा करे है गुणगान  । ।  ओ सालासर.....  ।२।   बजरंग बाला थारो नाम है ठाडो-२ भक्ता क दुःख म आव है आडो-२ थे तो दयालु भगवान   । ।  ओ सालासर.....  ।३।।

भगतां की भीड़ अपार ....| Bhajan - 59 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Bhakta Ki Bheed Apaar ...

( तर्ज: होलियाँ मे उड़े रे गुलाल.....) भगतां की भीड़ अपार , बालाजी थारे कीर्तन मं छाई है अजब बहार , बालाजी थारे कीर्तन मं।।   अन्तरा रंग बिरंगा फूलड़ा ल्याया , सोणा-सोणा हार बनाया खूब सजाया सिणगार , बालाजी थारे कीर्तन मं ।।  भगतां की भीड़ अपार ...   सगला मिलकर भजन गावै , खुद भी नाचे सबने नचावे ताली बजाये नर-नार , बालाजी थारे कीर्तन मं।।  भगतां की भीड़ अपार ...   जो भी थारे कीर्तन में आवे , वो ही मुरादा मन की पावे म्हें भी देख्या हाँ चमत्कार , बालाजी थारे कीर्तन मं।।  भगतां की भीड़ अपार ...   घड़ी-२ म्हाने परचा मिले है , ' रवि ' कहे म्हारो जीवन खिले है सुपणा होवे है साकार , बालाजी थारे कीर्तन मं।।  भगतां की भीड़ अपार ...

बालासा कारज सारया रे .... | Bhajan - 58 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Balasa Kaaraj Saryaa Re Raja Ram Ka ...

( तर्ज : मोरिया आछो बोल्यो रे ... )   अस्थाई बालासा, कारज सारया रे, राजा राम का। लायो-ल्यायो रे संजीवन बूटी जाय बालासा ॥ टेर।।   अन्तरा बालासा, शक्ति चलायी इन्द्रजीत ने , जीत ने , जीत ने । लागी-लागी रे- 2, लखनजी ने जाय , बालासा कारज... ॥१॥   बालासा , दुखड़ो हुयो रे राजा राम ने , राम ने , राम ने। बाने कुण बंधावे -2, अब जाय धीर ,   बालासा कारज... ॥२॥   बालासा , बिड़लो उठा कर आप चालिया , चालिया , चालिया। हेरी हेरी रे – 2, संजीवन बूटी जाय ,   बालासा कारज... ॥३॥   बालासा , पर्वत उठाकर आप चालिया , चालिया , चालिया। मारयो-मारयो रे – 2,   भरतजी थारे बाण ,   बालासा कारज... ॥४॥   बालासा , भरतजी पूछी सारी वारता , वारता , वारता। आप दिन्ही है -2,   सारी समझाय ,   बालासा कारज... ॥५॥   बालासा , संजीवन बूटी दीन्ही ल्याय के , ल्याय के , ल्याय के। उठ कर गले से – 1, मिल्या है दोन भ्रात ,  बालासा कारज... ॥६॥

वीर हनुमाना अति बलवाना ... | Bhajan - 57 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Veer Hanumana Ati Balwana ...

श्री हनुमान वन्दना अस्थाई वीर हनुमाना, अति बलवाना, रामनाम रसियो रे प्रभु मन बसियो रे ॥   अन्तरा जो कोई आवे, अरज लगावे ,  सबकी सुनियो रे । प्रभु मन बसियो रे ॥  वीर हनुमाना अति ...   बजरंग बाला, फेरू थारी माला ,  संकट हरियो रे । प्रभु मन बसियो रे ॥  वीर हनुमाना अति ...   ना कोई संगी, हाथ की तंगी ,  जल्दी हरियो रे । प्रभु मन बसियो रे ।।  वीर हनुमाना अति ...   अरजी हमारी, मरजी तुम्हारी ,  कृपा करियो रे । प्रभु मन बसियो रे ॥  वीर हनुमाना अति ...

आ लौट के आजा हनुमान .... | Bhajan - 54 | Shri Bajrangi Hanuman Bhajan | Aa Lot Ke Aaja Hanuman ...

(तर्ज- आ लौट के आजा मेरे मीत...)   अस्थाई आ लौट के आजा हनुमान , तुम्हें भगवान बुलाते हैं । बचाले लक्ष्मण के तू प्राण , तुझे भगवान बुलाते हैं ।   अन्तरा गये पवनसुत लाने सजीवन , अब तक क्यों नहीं आये। सेनापति सुग्रीव पुकारे , नर बानर कुम्हलाये । सब लोग भये अज्ञान , तुम्हें भगवान बुलाते हैं । बचाले लक्ष्मण के... ॥१॥   कभी तड़पते , कभी बिलखते , भर भर नैन प्रभ रोते। हाय लखन अपनी माता के , पुत्र तो थे इकलौते । प्रभु रुदन करें महान , तुम्हें भगवान बुलाते हैं । बचाले लक्ष्मण के... ॥२॥   बीत गई सब रैन , रही न और एक पल बाकी । देख देख के राह तुम्हारी , बैरण अँखियां थाकी । कहीं उदय न हो जाय भान , तुम्हें भगवान बुलाते हैं ।। बचाले लक्ष्मण के...   ॥३॥   प्रात समय हनुमान संजीवन , ले सेना बीच आये । ' गंगाराम ' धन्य बजरंगी , लक्ष्मण के प्राण बचाये । अब जाग उठे बलवान , तुम्हें भगवान बुलाते हैं ।। बचाले लक्ष्मण के...   ॥४॥

हरे राम हरे रामा .... | Bhajan - 53 | Shri Hanuman Bajrangi Bhajan | Hare Rama Hare Rama ...

( तर्ज- बचपन की मोहब्बत को ) अस्थाई हरे राम हरे रामा , जपते थे हनुमाना ।। इस मंत्र की महिमा को , सारे जग ने है जाना ॥ टेर ॥   अन्तरा इस मंत्र से हनुमत ने , सागर को पार किया। उस राजा रावण की , लंका को जार दिया ॥१॥  हरे राम हरे रामा ...   जब भक्त विभूषण ने , इस मंत्र का जाप किया। श्रीराम के प्यारे बने , लंका पे राज किया ॥२॥  हरे राम हरे रामा ...   इस मंत्र की महिमा को , भिलनी ने जान लिया। रघुबर खुद घर आये , कितना सम्मान दिया ॥३॥  हरे राम हरे रामा ...   इस मंत्र से हार गया, रावण सा बलशाली । इस मंत्र से तुलसी ने रामायण लिख डाली॥४॥  हरे राम हरे रामा ...   जब केवट ने मुख से , इस मंत्र के बोल पड़े। ' बनवारी ' खुद रघुवर , केवट की नाव चढ़े ॥५॥  हरे राम हरे रामा ...