दादी इतनो लाड करे .. | Bhajan - 111 | Shri Rani Sati Bhajan | Dadi Itno Lad Kare ...


थारो म्हारो मावड़ी कोई घणो पुराणों सीर - 2
झुंझनु आवां तो लागे आग्या म्हे तो पीर ,
दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे |
दादी कितनो लाड करे ||

घर मे दादी थारी चर्चा, 
सगळा ही देखे निशदिन पर्चा 2
सासरिये भी म्हारो थारी जयजयकार करे 2
झुंझनु आवन ने सगळा पल में हामी भरे 
दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे |
दादी कितनो लाड करे ||

निश दिन की चिंता में फशकर, 
उलझ रहवा दादी ऐसो हो चक्कर 2
सासरिये में काम घनेरा उरे करा आराम 2
सुबह शाम म्हे बैठ के दादी करा थारा गुणगान
दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे |
दादी कितनो लाड करे ||

मंगला आरती पर दिन उगे,
शयन आरती पर दिन डूबे 2
बेरो कोनी चाले बीते बेगा बेगा दिन2
फेर दुबारा आवन ताई थक जावा दिन गिन 2
दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे |
दादी कितनो लाड करे ||

मावस के दिन धोक लगा कर,
बोला दादी महाने बिदा कर 2
घड़ी बिदाई की जद आवे झरझर बरसे नीर 2
कहे विकास की दादी बोले आती रहिजे पीर 
दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे |
दादी कितनो लाड करे ||

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