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मैं तो आई वृन्दावन धाम किशोरी तेरे चरनन में। Bhajan 125 | Main To Aayi Vrindavan Dham, Kishori Tere Charnan Main ... | Shree Radhe Bhajan ...

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मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में। किशोरी तेरे चरनन में, श्री राधे तेरे चरनन में॥ ब्रिज वृन्दावन की महारानी, मुक्ति भी यहाँ भारती पानी। तेरे चन पड़े चारो धाम, किशोरी तेरे चरनन में॥ करो कृपा की कोर श्री राधे, दीन जजन की ओर श्री राधे। मेरी विनती है आठो याम, किशोरी तेरे चरनन में॥ बांके ठाकुर की ठकुरानी, वृन्दावन जिन की रजधानी। तेरे चरण दबवात श्याम, किशोरी तेरे चरनन में॥ मुझे बनो लो अपनी दासी, चाहत नित ही महल खवासी। मुझे और ना जग से काम, किशोरी तेरे चरण में ॥ श्री राधे श्री राधे, राधे राधे श्री राधे। श्री राधे श्री राधे, राधे राधे श्री राधे।

श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । Bhajan 124 | Shyama Tere Charno Ki Gar Dhul Jo Mil Jaye ....

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श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की सुनता हूँ तेरी रहमत, दिन रात बरसती है । एक बूँद जो मिल जाए, दिल की कली खिल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की यह मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ । जितना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की नजरों से गिराना ना, चाहे जितनी सजा देना । नजरों से जो गिर जाए, मुश्किल ही संभल पाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की श्यामा इस जीवन की बस एक तमन्ना है । तुम सामने हो मेरे और प्राण निकल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए ॥

राधा को नाम अनमोल, बोलो राधे राधे। Bhajan - 119 | Radha Ko Naam Anmol ....

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राधा को नाम अनमोल, बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल, बोलो राधे राधे॥ ब्रह्मा भी बोले राधे, विष्णु भी बोले राधे। शंकर के डमरू से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ गंगा भी बोले राधे, यमुना भी बोले राधे। सरयू की धार से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ चंदा भी बोले राधे, सूरज भी बोले राधे। तारो के मंडल से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ गैया भी बोले राधे, बछड़ा भी बोले राधे। ढूध की धार से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ गोपी भी बोले राधे, ग्वाले भी बोले राधे। बृज की सब गालिओ से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥

सांवली सूरत पे मोहन , दिल दीवाना हो गया ... | Bhajan - 107 | Shri Krishna Shyam Bhajan | Sanwli Surat Pe Mohan Dil Diwana Ho Gaya ...

For Audio Click Here :  Sanwli Surat Pe Mohan Dil Diwana सांवली  सूरत  पे  मोहन , दिल  दीवाना  हो  गया  .. २  दिल  दीवाना  हो  गया , मेरा , दिल  दीवाना  हो  गया … सांवली  सूरत  पे  मोहन , दिल  दीवाना  हो  गया || एक  तो  तेरे  नैन  तिरछे , दूसरा - काजल  लगा  ss … २  तीसरा , नज़रें  मिलाना , दिल  दीवाना  हो  गया … सांवली  सूरत  पे  मोहन , दिल  दीवाना  हो  गया || एक  तो  तेरे  होंठ  पतले , दूसरा  – लाली  लगी  ss … २  तीसरा , तेरा  मुस्कराना , दिल  दीवाना  हो  गया … सांवली  सूरत  पे  मोहन , दिल  दीवाना  हो  गया || एक  तो  तेरे  हाथ  कोमल , दूसरा  – मेहँदी  लगा   ss … २   तीसरा , मुरली  बजना , दिल  दीवाना  हो  गया … सांवली  सूरत  पे  ...

मुक्ति भजन (अंतिम इच्छा) - इतना तो करना स्वामी .....| Bhajan - 97 | Shri Krishna Sanwara Bhajan | Itna To Karna Swami Jab Praan Tan Se Nikle ...

For Audio Click Here :  Itna To Karna Swami Jab Praan दोहा : कागा सब तन खाइयो , चुन चुन खाइयो माँस । दो नैना मत खाइयो , प्रभु मिलन की आस ।।   इतना तो करना स्वामी , जब प्राण तन से निकले। गोविन्द नाम लेकर , फिर प्राण तन से निकले ।।१ ।। श्रीगंगा जी का तट हो , यमुना का बंशी-बट हो । मेरा सांवरा निकट हो , जब प्राण तन से निकले ।।२ ।। श्रीवृन्दावन का स्थल हो , मेरे मुख में तुलसी दल हो । विष्णु-चरण का जल हो ,  जब प्राण तन से निकले  ।।३ ।। सन्मुख सांवरा खड़ा हो , मुरली का स्वर भरा हो । तिरछा चरण धरा हो ,  जब प्राण तन से निकले  ।।४ ।। सिर सोहना मुकुट हो , मुखड़े पै काली लट हो । यही ध्यान मेरे घट हो ,  जब प्राण तन से निकले  ।।५ ।। केसर तिलक हो आला , मुख चन्द्र सा उजाला । डालूँ गले में माला ,  जब प्राण तन से निकले  ।।६।। कानों जड़ाऊँ बाली , लटकी लटें हौ काली । देखू छटा निराली ,  जब प्राण तन से निकले  ।।७।। पीताम्बरी कसी हो , होठों पै कुछ हँसी हो। छवि यह ही मन बसी हो ,  जब प्राण तन से निकले ...

जय श्री राधे बल्लव श्याम, ताश मिल खेलो सांवरियां .. | Bhajan - 95 | Shri Radhe Shyam Bhajan | Jai Shri Radhe Ballabh Shyam Taash Mil Khelo Sanwariya ...

जय श्री राधे बल्लव श्याम , ताश मिल खेलो सांवरियां ||   जिसमे बादशाह वनवारी , जिसमे बेगम राधा प्यारी , जिसमे दूलो है गिरधारी , ताश खेलो सांवरियां , जय श्री राधे बल्लव श्याम , ताश मिल खेलो सांवरियां ||   जिसमे दसी दसो दिशाए , जिस में नो की नव दुर्गा है , जिसमे अठी अष्ट कमल है , ताश खेलो सांवरियां , जय श्री राधे बल्लव श्याम ,  ताश मिल खेलो सांवरियां  ||   जिसमे सती सप्तऋषि है , जिसमे छगई छे ऋतुएँ है , जिसमे पंजी पंज तत्व है , ताश खेलो सांवरियां , जय श्री राधे बल्लव श्याम ,  ताश मिल खेलो सांवरियां  ||   जिसमे चौकी चार वेद है , तीगी तीन लोक है , जिसमे दूगी चाँद सूरज है , ताश खेलो सांवरियां , जय श्री राधे बल्लव श्याम ,  ताश मिल खेलो सांवरियां  ||   जिसमे ईका इक संसार , करलो नारायण से प्यार , यही है इस दुनिया का सार , ताश खेलो सांवरियां , जय श्री राधे बल्लव श्याम ,  ताश मिल खेलो सांवरियां  ||

श्री वृन्दावन-धाम अपार रटे जा राधे-राधे ... | Bhajan - 92 | Shri Radhe Rani Madhur Kirtan | Shri Vrindavan Dham Apar Ratte Ja Radhe Radhe ...

श्री वृन्दावन-धाम अपार रटे जा राधे-राधे। भजे जा राधे-राधे! कहे जा राधे-राधे॥१॥ वृन्दावन गलियाँ डोले , श्रीराधे-राधे बोले। वाको जनम सफल हो जाय , रटे जा राधे-राधे ॥२॥ या ब्रज की रज सुन्दर है , देवनको भी दुर्लभ है। मुक्ता रज शीश चढ़ाय ,  रटे जा राधे-राधे ॥३॥ ये वृन्दावन की लीला , नहीं जाने गुरु या चेला। ऋषि-मुनि गये सब हार ,  रटे जा राधे-राधे ॥४॥ वृन्दावन रास रचायो , शिव गोपी रुप बनायो। सब देवन करें विचार ,  रटे जा राधे-राधे ॥५॥ जो राधे-राधे रटतो , दुःख जनम-जनम को कटतो। तेरो बेड़ो होतो पार ,  रटे जा राधे-राधे ॥६॥ जो राधे-राधे गावे , सो प्रेम पदारथ पावे। भव-सागर होवें पर ,  रटे जा राधे-राधे ॥७॥ जो राधा नाम न गयो , सो विरथा जन्म गँवायो। वाको जीवन है धिक्कार ,  रटे जा राधे-राधे ॥८॥ जो राधा-जन्म न होतो , रसराज विचारो रोतो। होतो न कृष्ण अवतार ,  रटे जा राधे-राधे ॥९॥ मंदिर की शोभा न्यारी , यामें राजत राजदुलारी। डयौढ़ी पर ब्रह्मा राजे ,  रटे जा राधे-राधे ॥१०॥ जेहि वेद पुराण बखाने , निगमागम पार न पाने। खड़े वे राधे क...