काली की नगरिया में, भोले की दुअरिया ... | Bhajan - 75 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Kaali Ki Nagariya Main Bhole Ki Duariya ...

(तर्ज : कौन दिशा में लेके..)

काली की नगरिया में, भोले की दुअरिया,

बैठे तारा माँ के साथ, मेरे बाबा भूतनाथ

जरा जय करलो, जय करलो... ।। टेर।।

 

गंगा तट पर भूतनाथ का, भक्तों पावन धाम है,

शमशानों का वासी है ये, सारे जग में नाम है,

दुनियाँ आकर शीश झुकाये-२, दर पे सुबहो शाम है,

दूध चढ़ाये रे, चढ़ाये कोई भंगिया, बैठे तारा माँ के साथ...।।१।

 

जलते मुर्दे की भस्मी से, आरती इनकी होत है,

ज्योतिर्लिंगों के सम पावन, भूतेश्वर की ज्योत है,

काला टीका हर माथे पर-२, सोहे बनके भभूत है,

भर के चढ़ाये कोई जल की गगरियाबैठे तारा माँ के साथ....।।२।।

 

सोमवार के दिन की भक्तों, महिमा बड़ी महान है,

आने वाले हर सेवक को, मिलता दया का दान है,

'हर्ष' दिवाना भोले तेरा-२, रोज करे गुणगान है,

नाम पे तेरे नांचू बीच बजरियाबैठे तारा माँ के साथ... ।।३।।

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