आओ पितरसा, आओ पितरसा ....| Bhajan - 56 | Shri Pitar Dev Bhajan | Aao Pitarsaa, Aao Pitarsaa, Aao Pitarsaa
( तर्ज - धरती धोरां री …) अस्थाई आओ पितरसा , आओ पितरसा , आओ पितरसा ॥ अन्तरा थान हरखाँ स्यूं बुलावां , जाजम पलकां री बिछावां , कुकुम पगल्या स्यूँ पधरावां , आओ पितरसा -३ ॥१॥ थारी पल-पल रटन लगावाँ , निश-दिन म्हें तो थानै ध्यावां , थारी गौरव - गाथा गावाँ , आओ पितरसा -३ ॥२॥ मानस मन्दिर में बिठास्यां , दीया भक्ति रा जगास्याँ , म्हारो तन-मन चरण चढ़ास्याँ , आओ पितरसा-३ ॥३॥ थारो नाम लिया बल जागै , डर-भय सो सो कोसां भागै , जाण हरदम थे हो साग , आओ पितरसा -३ ॥ ४॥ थाँरो जागरण घणो सुहायो , म्हारे मन म आनन्द छायो , म्हानै सांचो परचो दिखायो , आओ पितरसा -३ ॥ ५॥