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Maat Shri Rani Sati Ji.. | Bhajan 174 | मात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री ....

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Song Link -  मात श्री राणीसती जी मेरी, मात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। पाय मैं पडूँ मात थारे, क्षमा कर चूक भयी म्हारे, अनेको विघन आप टारे, काज निज भक्तन के सारे, दोऊ कर जोड़े मैं खड़ा, जननी थारे द्वार, ओ मैया जननी थारे द्वार, दुखित दीन माँ जान के मुझको, जरा दो पलक उघाड़, कृपा कर बिलखत भयी देरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। कहत है सिद्धि मुनि ज्ञानी, तुम्ही जगदंबा राज रानी, मूक है कवियन की वाणी, की महिमा जात नही जानी, अखंड ज्योति प्रकाश है, व्यापक सकल जहान, ओ मैया व्यापक सकल जहान, सुंदर मंदिर रम्य शिखर, जाके ध्वजा उड़े आसमान, बजे है शंख तू रही मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। गरुड़ चढ़ कमलापति आए, सुदर्शन चक्र साथ लाए, ग्राह से गज को छुड़वाए, विमल यश तिहुँ लोक गाये, आप मात उस रीत से, सिंह सवारी साज, ओ मैया सिंह सवारी साज, आओ आतुर राखो अपने, शरण पड़े की लाज, लखुं मैं सौम्य सूरत तेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। भयानक तूफ़ा दिया घेरा...

Chirmi Shiva Bhole Nath Ji | चिरमी शिव भोले नाथ जी | Bhajan 172 |

  (तर्ज ; चिरमी ) शिव कैलाशी, का है वासी, नित भाँग धतूरा खाय शिव भोले नाथ जी || माथे पे तो चंदा सोहे, और जटा में-र गंग समाय शिव भोले नाथ जी || गल सर्पों की माला लिपटे, कैसा अदूभुत-२ रूप दिखाय शिव भोले नाथ जी || ओडढ़े मृगछाला तो भोले, लेई त्रिशुल-२ हाथ उठाय 'शिव भोले नाथ जी || नन्दी की तो करे सवारी, और अंग-२ भभूति रमाय ़ शिव भोले नाथ जी || तप कैलाश पे करते भोले, जाने किसका-२ ध्यान लगाये कर शिव भोले नाथ जी || करते ताण्डव, नृत्य भोले, और डमरू-२ रहे बजाये शिव भोले नाथ जी || शिव भोले है औघड़दानी, दें दे जो भी मन मे आये शिव भोले नाथ जी || दास  “रवि" भी करता विनती, हमें देना-२ दरश दिखाय शिव भोले नाथ जी ||

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से | Bhajan 158 | Dinanath Meri Baat Chaani Koni Tere Se ...

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दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो श्याम प्रभु रूप तेरो, नैणां में समां गयो बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं भक्त खड़ा तेरे, चरणां ने चूमे हैं खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाओ हो थे खीर चूरमो, लीले ऊपर घूमो हो सेवका न बाबा थे, क़द्दे ही कोनी भूलो हो टाबरियाँ की झोली भर, भेजो थारे डेरे से आँखड़ली चुराकर...

सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | Bhajan 148 | Sagla Ne Raazi Raakhijo O Dadi Mhari Rani Sati ...

 SONG LINK CLICK HERE कितनो बड़ो म्हारो भाग्य है दादी, थे म्हारी कुलदेवी, सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | मोटी थे सेठानी हो और जग में थारो नाम है, बड़ा बड़ा थे कारज सार्या,छोटो सो म्हारो काम है, अर्जी कर्णो फर्ज म्हारो,जोर कुछ चाले नहीं, थारी मर्जी के बिना इक पत्तो भी हाले नहीं, नित उठ थारो ध्यान धरां ए मईया,घनी करां मनुहार, पलक उघाड़ो जी..ओ दादी म्हारी रानी सती… सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | दादी म्हारी जिंदगी और दादी ही म्हारा प्राण है, दादी ही जद रूठगी तो जीने को के काम है, भूल सारी माफ़ कर द्यो,चरणां स्यूं लेवो लगाय, ठोकरां खाई बोहोत,अब आके सही रस्तो दिखा, थारे बिना कईयां जीवस्या ओ दादी,थे ही दिन्या बिसराय, ओल्यू थारी आवे जी..ओ दादी म्हारी रानी सती… सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | थारो ही इक आसरो और थां पर दारमदार है, थारो थोड़ो मुलकनों और म्हारो बेड़ो पार है, थांसु दादी के कवां,थे ही जगत की मात हो, भादो में थारो झुंझुनू आऊं,परिवार मेरे साथ हो, टाबरिया नादान है मईया,सिर पे धरियो हाँथ, बस यो ही वर माँगा जी..ओ दादी म्हारी रानी सती… सगळा नै राजी र...

लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम | Bhajan 141 | Shree Rani Sati Bhajan

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लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम, दादी जी के चरना में तो माहरा चारो धाम, लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम || झुंझनू नगर में दादी जी को मंदिर बड़ो ही भारी, बैठी है दरबार लगा के जगत सेठानी म्हारी, दर्शन करता ही हो जावे भगता रो कल्याण, लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम || नाम जप्या दादी को म्हारे विपदा कभी न आवे, आने से पहले ही म्हारा सब संकट कट जावे, अब तो झुँझन वाली मैया राखे मारो ध्यान, लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम || मैया के दरबार मैं तो जब से बना हु चाकर, चकम गई है किस्मत म्हारी शरण में इनकी आकर, देखके ठाठ बाठ महारा दुनिया है हैरान , लेवा दादी जी रो नाम म्हाने दुनिया से के काम ||

दादी इतनो लाड करे .. | Bhajan - 111 | Shri Rani Sati Bhajan | Dadi Itno Lad Kare ...

Song Link Click Here थारो म्हारो मावड़ी कोई घणो पुराणों सीर - 2 झुंझनु आवां तो लागे आग्या म्हे तो पीर , दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे | दादी कितनो लाड करे || घर मे दादी थारी चर्चा,  सगळा ही देखे निशदिन पर्चा 2 सासरिये भी म्हारो थारी जयजयकार करे 2 झुंझनु आवन ने सगळा पल में हामी भरे  दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे | दादी कितनो लाड करे || निश दिन की चिंता में फशकर,  उलझ रहवा दादी ऐसो हो चक्कर 2 सासरिये में काम घनेरा उरे करा आराम 2 सुबह शाम म्हे बैठ के दादी करा थारा गुणगान दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे | दादी कितनो लाड करे || मंगला आरती पर दिन उगे, शयन आरती पर दिन डूबे 2 बेरो कोनी चाले बीते बेगा बेगा दिन2 फेर दुबारा आवन ताई थक जावा दिन गिन 2 दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, माँ अपनो हाथ धरे | दादी कितनो लाड करे || मावस के दिन धोक लगा कर, बोला दादी महाने बिदा कर 2 घड़ी बिदाई की जद आवे झरझर बरसे नीर 2 कहे विकास की दादी बोले आती रहिजे पीर  दादी इतनो लाड करे, जठै जठै म्हे पॉव धरा, म...

म्हे म्हारी माँ का लाडला ....| Bhajan - 82 | Shri Rani Sati Dadi Bhajan | Mhe Mhari Maa Ka Ladla Ji ...

For Audio Click Here :  Mhe Mhari Maa Ka Ladla म्हे   म्हारी   माँ   का   लाडला जी , म्हाने   राखिजे संभाल    - २ हरो -भरो   रहवे परिवार,  मैया   म्हारी   रानी   सती - २   आओ नी पधारो , म्हारे आंगणे जी , म्हापे   मैहर   करो  - २ था   बिन   कुन   म्हारो   आज ,   मैया   म्हारी रानी   सती । म्हे   म्हारी   माँ   का .....।   चुनड़   मैं   लाया , चूड़ो   लाल , ओ महेंदी राचणी  - २ कर   लो   थे   भेंट   स्वीकार , मैया   म्हारी रानी   सती । म्हे    म्हारी    माँ    का .....।   ध्यावाँ म्हे   थाने , दिन   रात,  घडी   कोनी   भूल्या   मेरी   मात थे   भी   दीजो   न   भुलाए,   मैया    म्हारी रानी    सती । म्हे    म्हारी    माँ    का .....।

बेटी ले के आसी जी,अपनो भाग ... | Bhajan - 103 | Sundar Marwadi Beti Pe Bhajan - Save Girl Child | Beti Le Ke Aasi Ji Apno Bhaag ...

बेटी ले के आसी जी,अपनो भाग, क्यूँ मारो इन्हे  कोख में ।। बड़भागी वे मात पिता जो, करे है कन्यादान, ई के बराबर पुण्य ना कोई, बोले बेद पुरान, कन्या बध से ,बड़ो ना कोई पाप, क्यूँ मारो इन्हे  कोख में ।। काइयाँ तूने  नौ नौ कन्या, पूजा नवरता मे फिर भी अपनी बेटी ने मारा, अपने ही हाथां से  काइयाँ दुर्गा, निभासी तेरो साथ, क्यूँ मारो इन्हे  कोख में  ।। माँ की एक ही कोख से, बेटा बेटी जनम लेवे  है  एक बराबर दुध बिधाता, आँचल में देवे है। ये भी मत ना, करोजी दू भाग, क्यूँ मारो इन्हे  कोख में  ।। भक्त कवे जी कहग्या म्हारे, दादा दादी मानी बेटी की माँ राज करे हे, भरे बुढापो  पानी बेटी दो दो कुल की, है राखे लाज,  क्यूँ मारो इन्हे  कोख में  ।।

भाई रे मत दीज्यो, मावड़ली न दोष करमां री रेखा.. | Bhajan - 102 | Sundar Marwadi Kaya Bhajan | Bhai Re Mat Dijyo Mawadli Ne Dosh Karma Ri Rekha...

॥करमारी करणी न्यारी न्यारी।। भाई रे मत दीज्यो, मावड़ली न दोष, करमां री रेखा, न्यारी रे न्यारी।।टेर।। भाई रे एक मावड़ली रे बेटा च्यार, च्यारां की करणी न्यारी रे न्यारी। भाई रे पेलोड़ो हीरा को व्योपार, दूजोड़ो कपड़ा बेच रह्यो, भाई रे तीजोड़ो खेतों में किसान, चौथोड़ो भिक्षा मांग रह्यो।। भाईरे मत दीज्यो.... ।। १।।  भाई रे एक गाय रे बछड़ा च्यार, च्यारां की करणी न्यारी रे न्यारी। भाई रे पेलोड़ो सुरज जी को सांड, दूजोड़ो शिव रो नांदिया, भाईरे तीजोड़ो चोपा माँही बैल, चौथोड़ी घाणी पीस रह्यो।। भाईरे मत दीज्यो.... ।। २ ।। भाई रे एक माटी रा कलसा च्यार, च्यारां की करणी न्यारी रे न्यारी। भाई रे पैलोड़ो पूजा रो कलश, दूजोड़ो चवरयाँ मांड रहो, भाई रे तीजोड़ो पणिहारी रे शीश, चौथोड़ो मरघट जाय रह्यो।। भाईरे मत दीज्यो....  ।। ३ ।। भाई रे एक बेलड़ रे फुलड़ा च्यार, च्यारां की करणी न्यारी रे न्यारी। भाई रे पेलोड़ो चढ़े मन्दिर माय, दूजोड़ो गजरा पोवतो, भाई रे तीजोड़ो पंख पखेरू खाय, चौथड़ो मुर्दा ऊपर पड़यो।। भाईरे मत दीज्यो....  ।। ४।।

थारे ढोल तन्दुरा बाजे रे ...रूणिचा के मन्दिर में .. | Bhajan - 101 | Shri Baba Ramdev Bhajan | Thare Dhol Tandura Baaje Re ...

|| श्री रामदेव वन्दना ।। (तर्ज : थारे झाँझ नगाड़ा बाजे रे...) थारे ढोल तन्दुरा, बाजे रे, बाजे रे, रूणिचा के मन्दिर में, रामा पीर बिराजै रे ।। टेर।। भारत राजस्थान में जी, रूणिचा इक चाम, सूरज स्यामी बन्यो देवरो, महिमा अपरम्पार, थारी धोली ध्वजा फहरावे रे -२, रुणिचे के मंदिर... ।। १।। नारेला री गिणती नहीं बाबा, सुवरण छत्र अपार, दूर देश से दर्शन करने, आवे भक्त अपार, थारी साँची ज्योत जगावे रे-२, रुणिचे के मंदिर... ।। २।। भादों सुदी दशमी को मेलो, भीड़ लगे अति भारी, नर नारी थारा दर्शन करने, आवे बारी-बारी, बाबो अटकया काज सँवारे रे-२, रुणिचे के मंदिर...  ।।  ३  ।। अजमल पुत्र मैणादे सुत का, धरो हमेशा ध्यान, लांछा सुगना बाई रा बीरा, करे सदा कल्याण, बाबो पल पल परचा दिखावे रे-२, रुणिचे के मंदिर... ।।  ४  ।।

तू ने हीरो सो जनम गँवायो ... | Bhajan - 100 | Shri Kaya Bhajan - Bhajan Ka Mahatva | Tune Hiro So Janam Gawayo ...

For Audio Click Here :  Tu Ne Heero So Janam Gawayo दोहा रात गँवायो सोय कर, दिवस गँवायो खाय । हीरा जनम अमोल था, कौड़ी बदले जाय ।। तू ने हीरो सो जनम गँवायो,  भजन बिन बावरे ।।टेर।। कदे न तू सतसंगत कीन्ही,  कदे न हरि गुण गायो । पचि - पचि मरियो बैल की नाही,  सोय रहयो उठ खायो ||१|| तू ने हीरो सो जनम गँवायो,  भजन बिन बावरे ।।टेर।। यो संसार हाट बनिये की,  जग सौदा ले आयो । चतुर माल तो दूनो कीन्हो,  मूरख मूल गँवायो ।।२।। तू ने हीरो सो जनम गँवायो,  भजन बिन बावरे ।।टेर।। यो संसार फूल सेमर को,  सूबो देख लुभायो । मारी चोंच निकल गई रूई,  सिर धुनि धुनि पछितायो ||३|| तू ने हीरो सो जनम गँवायो,  भजन बिन बावरे ।।टेर।। यो संसार माया को लोभी,  ममता महल चिनायो । कहत “कबीर' सुनो भई साधो,  हाथ कछु नहीं आयो ।।४।। तू ने हीरो सो जनम गँवायो,  भजन बिन बावरे ।।टेर।।

मुक्ति भजन (अंतिम इच्छा) - इतना तो करना स्वामी .....| Bhajan - 97 | Shri Krishna Sanwara Bhajan | Itna To Karna Swami Jab Praan Tan Se Nikle ...

For Audio Click Here :  Itna To Karna Swami Jab Praan दोहा : कागा सब तन खाइयो , चुन चुन खाइयो माँस । दो नैना मत खाइयो , प्रभु मिलन की आस ।।   इतना तो करना स्वामी , जब प्राण तन से निकले। गोविन्द नाम लेकर , फिर प्राण तन से निकले ।।१ ।। श्रीगंगा जी का तट हो , यमुना का बंशी-बट हो । मेरा सांवरा निकट हो , जब प्राण तन से निकले ।।२ ।। श्रीवृन्दावन का स्थल हो , मेरे मुख में तुलसी दल हो । विष्णु-चरण का जल हो ,  जब प्राण तन से निकले  ।।३ ।। सन्मुख सांवरा खड़ा हो , मुरली का स्वर भरा हो । तिरछा चरण धरा हो ,  जब प्राण तन से निकले  ।।४ ।। सिर सोहना मुकुट हो , मुखड़े पै काली लट हो । यही ध्यान मेरे घट हो ,  जब प्राण तन से निकले  ।।५ ।। केसर तिलक हो आला , मुख चन्द्र सा उजाला । डालूँ गले में माला ,  जब प्राण तन से निकले  ।।६।। कानों जड़ाऊँ बाली , लटकी लटें हौ काली । देखू छटा निराली ,  जब प्राण तन से निकले  ।।७।। पीताम्बरी कसी हो , होठों पै कुछ हँसी हो। छवि यह ही मन बसी हो ,  जब प्राण तन से निकले ...

श्री वृन्दावन-धाम अपार रटे जा राधे-राधे ... | Bhajan - 92 | Shri Radhe Rani Madhur Kirtan | Shri Vrindavan Dham Apar Ratte Ja Radhe Radhe ...

श्री वृन्दावन-धाम अपार रटे जा राधे-राधे। भजे जा राधे-राधे! कहे जा राधे-राधे॥१॥ वृन्दावन गलियाँ डोले , श्रीराधे-राधे बोले। वाको जनम सफल हो जाय , रटे जा राधे-राधे ॥२॥ या ब्रज की रज सुन्दर है , देवनको भी दुर्लभ है। मुक्ता रज शीश चढ़ाय ,  रटे जा राधे-राधे ॥३॥ ये वृन्दावन की लीला , नहीं जाने गुरु या चेला। ऋषि-मुनि गये सब हार ,  रटे जा राधे-राधे ॥४॥ वृन्दावन रास रचायो , शिव गोपी रुप बनायो। सब देवन करें विचार ,  रटे जा राधे-राधे ॥५॥ जो राधे-राधे रटतो , दुःख जनम-जनम को कटतो। तेरो बेड़ो होतो पार ,  रटे जा राधे-राधे ॥६॥ जो राधे-राधे गावे , सो प्रेम पदारथ पावे। भव-सागर होवें पर ,  रटे जा राधे-राधे ॥७॥ जो राधा नाम न गयो , सो विरथा जन्म गँवायो। वाको जीवन है धिक्कार ,  रटे जा राधे-राधे ॥८॥ जो राधा-जन्म न होतो , रसराज विचारो रोतो। होतो न कृष्ण अवतार ,  रटे जा राधे-राधे ॥९॥ मंदिर की शोभा न्यारी , यामें राजत राजदुलारी। डयौढ़ी पर ब्रह्मा राजे ,  रटे जा राधे-राधे ॥१०॥ जेहि वेद पुराण बखाने , निगमागम पार न पाने। खड़े वे राधे क...

ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यूँ .....| Bhajan - 91 | Shri Krishna Kanha Bhajan | Jara Itna Bata De Kanha Tera Rang Kala Kyun ...

For Audio Click Here :  Jara Itna Bataa De Kanha ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग  काला   क्यूँ | तू कला हो कर भी, जग से निराला क्यूँ || मैंने काली रात में जनम लिया, और काली गाय का दूध पिया, गाय का रंग काला, इस लिए काला हूँ || ज़रा इतना बता दे कान्हा... मैंने काले नाग को मार दिया, और काले नाग पे नाच किया, नागों का रंग काला, इसलिए काला हूँ || ज़रा इतना बता दे कान्हा... मुझे सखिया रोज़ बुलाती है, और माखन मिश्री खिलाती हैं, सखियों का मन काला, इसलिए काला हूँ || ज़रा इतना बता दे कान्हा... राधा नैनो में कजरा लगाती है, और पलको पे मुझको बिठाती है, काजल का रंग काला, इसलिए काला हूँ || ज़रा इतना बता दे कान्हा....

म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ....| Bhajan - 87 | Shri Khatu Shyam Bhajan | Mhare Sir Pe Hai Baba Ji Ro Hath ...

म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ ,  खाटू वाले रो साथ,  कोई तोह म्हारे, काई करासी  - २ || जो कोई म्हारे श्याम धनि ने, सांचे मन से ध्यावे , काल कपाल भी, सांवरिये के भगत से घबरावे , जे कोई पकड्यो है, बाबा जी रो हाँथ, कोई तोह बांको काई करासी , म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ..... जो आपके विस्वास करे, वो खुटी तान के सोवे , बैठे प्रवेश करे न कोई, बाल न बांका होवे , जानके मन में, नहीं है विस्वास, बांको तोह बाबा काई करासी , म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ..... कलियुग को यो देव बड़ो, दुनिया में नाम कमायो , जब जब भीड़ पड़ी भगत पर, डारयो डारयो आयो , यो तोह घाट घाट की जाने, सारी बात, कोई तोह म्हारो काई करासी , म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ.....

सरवरिया के तीर खड़ी या, नानी नीर बहावे है ...| Bhajan - 86 | Shri Krishna Nani Bai Bhajan | Sarvariya Ke Teer Khadi Ya Naani Neer Bahave Hai ..

सरवरिया के तीर खड़ी या, नानी नीर बहावे है । माँ का जाया बीर बिना कुण, भात भरण ने आवे है ।। एक दिन म्हारो भोळो बाबुल, अरबपति कहलायो थो । अन धन रा भण्डार घणेरा ओर छोर नहीं पायो थो । ऊँचा ऊँचा महल मालिया, नगर सेठ कहलायो थो । अणगिणती का नोकर चाकर, याद म्हने सब आवे है ।  सरवरिया के तीर खड़ी या ...... लाड़ प्यार में पळी लाड़ली, बड़ा घरां जद ब्याही थी । दान दायजो हाथी घोड़ा, दास दासियाँ ल्यायी थी । सोना चाँदी हीरा मोती, गाड़ा भर भर ल्यायी थी । बीती बाताँ याद करूँ जद, हिवड़ो भर आवे है  ।  सरवरिया के तीर खड़ी या ...... तेरे भरोसे सेठ साँवरा, भोळो बाबुल आयो ह । गोपीचंदन और तूमड़ा, साधाँ ने संग ल्यायो ह । घर घर मांगत फिरे सूरिया, म्हारो मान घटायो ह । देवरियो म्हने ताना मारे, नणदल जीव जलारे ह ।।  सरवरिया के तीर खड़ी या ...... और सगां ने मेल मालिया, टूटी टपरी नरसी ने । और सगां न शाल दुशाला, फटी गूदड़ी नरसी ने । और सगां ने माल मलीदा, रूखी सूखी नरसी ने । डूब मरूँ पर घर नहीं जाऊँ, बाबुल म्हने लजावे ह ।।  सरवरिया के तीर खड़ी या ......

देवी दुर्गा उमा, विश्व जननी रमा ...| Bhajan - 85 | Shri Devi Durga Maa Bhajan | Devi Durge Uma Viswa Janani Rama Mat Tara ...

For Audio Click Here :  Devi Durge Uma Viswa Janani Rama देवी दुर्गा उमा , विश्व जननी रमा , मात तारा , एक जगदम्बा तेरा सहारा ! (२) तू ही वैष्णवी मोह माया , तूने सारे जग को बनाया। चरण कमलों में माँ , रहता मस्तक नवा , यह हमारा।। एक जगदम्बा तेरा सहारा ! शैलजा स्कन्द माता भवानी , पार्वती भद्रकाली मृडाणी। सर्व बुद्धि प्रदे , अष्ट सिद्धि वर दे , त्रिपुरारा।। एक जगदम्बा तेरा सहारा ! पुण्यवानों के घर सम्पदा तू , पापियों के   भवन आपदा तू। कुल की लज्जा तू ही , साधु श्रद्धा तू ही , गुण अपारा।। एक जगदम्बा तेरा सहारा ! जिनके मुंडन की गले मालिका हैं , सृञ्जति सञ्जति तालिका हैं। रूप विकराली का , चण्डिका कालिका रुद्रतारा।। एक जगदम्बा तेरा सहारा ! मन वचन दोनों ने हार खाई , तेरा माया नहीं पार पाई। क्या करें निर्वचन , वेद नेति कथन , करके हारा।। एक जगदम्बा तेरा सहारा ! हैं हज़ारों ही अपराध मेरा , हूँ अधम पातकी तो भी तेरा। दुष्ट होवे यदा , तो भी माँ को सदा , पुत्र प्यारा।। एक जगदम्बा तेरा सहारा ! तेरी ज्योति से उदज्योति दिवाकर , तव प्रभा से सुशोभित सुधाकर। ...

कीर्तन को है रात .... | Bhajan - 84 | Shri Krishna Sanwariya Bhajan | Kirtan Ki Hai Raat Baba Aaj Thane Aano Hai ...

For Audio Click Here :  Kirtan Ki Hai Raat Baba ( तर्ज- एक तेरा साथ ) कीर्तन को है रात , बाबा आज था न आणो है। थान कोल निभाणो है …   दरबार सांवरिया , ऐसा सज्यो प्यारो , दयालु आपको , सेवा में सांवरिया , सगला खड़या हो क , हुकुम बस आपको सेवा में थारी-२ , म्हान आज बिछ जाणो है। थान कोल निभाणो है...   कीर्तन की है त्यारी , कीर्तन करों जमकर , प्रभु क्यूँ देर करो वादो थारो दाता , कीर्तन में प्राण को , धणी क्यूँ देर करो भजनां सु थान-२ , म्हा न आज रिझाणो है । थान कोल निभाणो है...   जो कुछ बण्यो म्हांसु , अर्पण प्रभु सारो , प्रभु स्वीकार करों नादान सू गल्ती , होती ही आई है , प्रभु मत ध्यान धरो “ नन्दु" सांवरिया-२ , थारी दास पुराणो है थान कोल निभाणो है...

म्हाने यादड़ली सतावै रे ....| Bhajan - 80 | Shri Khatu Shyam Bhajan | Mhane Yaadadli Satave Re ..

( तर्ज- ढोला ढोल मजीरा बाजै रे... ) अस्थाई म्हाने यादड़ली सतावै रे । कठे रहवे म्हारो श्याम धणी , म्हाने पतो बतावे रे ।। टेर ॥   अन्तरा याद करू जब हिचकी आवै , अन्न पाणी ना भावै । नैन झरे म्हारो हियो उमडै , ना कोई पतो बतावै । म्हे तो काला काग उड़ावाँ रे,  कठे रहवे म्हारो.. ॥१॥   थारी याद म्हाने ऐसी आवै , रातू नींद न आवै । थारै दर्शन किया बिना , म्हारो जीव घणो दुःख पावै । म्हे तो आँसूड़ा ढलकावां रे,  कठे रहवे म्हारो ..  ॥ २ ॥   ऐसा कोई उपाय बतावो , श्याम धणी न पाऊँ । मन में म्हारे धीर नहीं , कि तेरे द्वारे आऊँ । म्हाने बाबा का दरश करा तो रे,  कठे रहवे म्हारो ..  ॥३॥   ' भक्त-मण्डल ' करे विनती , थाने आणो पड़सी । ' नटराज ' दास है थारो , घणी हाजरी भरसी । थारा भक्त सभी हरषावै रे,  कठे रहवे म्हारो .. ॥ ४ ॥

मैं तो हूँ भिखारी बाबा, तेरे द्वार का ...| Bhajan - 79 | Shri Khatu Shyam Bhajan | Main To Hun Bhikari Baba Tere Dwar Ka ...

( तर्ज- अच्छा सिल्ला दिया तुने ) मैं तो हूँ भिखारी बाबा , तेरे द्वार का । टूटा हुआ फूल हूँ मैं , तेरे हार का ॥   बड़ी आश लेके दाता , पास तेरे आया हूँ। हाल क्या सुनाऊँ , सारे जग का सताया हूँ। भूखा हूँ मैं खाटू वाले , तेरे प्यार का ॥  टूटा हुआ फूल... ॥   दानी कोई तेरे जैसा, और नहीं दूजा है । इसी लिए घर घर में, होती तेरी पूजा है। दुःख हरते हो , सभी लाचार का ॥  टूटा हुआ फूल...  ॥   तुम्ही हो किनारा और, तुम्हीं मंझधार हो । नैया मेरी डूबे नहीं , तुम्हीं पतवार हो । टूटे न उम्मीद , मेरे एतवार का ॥  टूटा हुआ फूल...  ॥   आते हैं सवाली जो भी , माला-माल कर देते हो। किसी को भी खाली नहीं, दर से टाल देते हो। मुझको भी दे दो , मेरे अधिकार का ॥  टूटा हुआ फूल...  ॥