मैया लक्ष्मी आजा .... | Bhajan - 98 | Shri Lakshmi Maa Bhajan | Maiya Lakshmi Aaja Bigdi Aaj Bana Ja ...
(तर्ज : लला लला लोरी ) अंतरा मैया लक्ष्मी आजा, बिगड़ी आज बना जा , हैं किस्मत के मारे , सोये भाग्य जगा जा (२) || अस्थाई रत्नाकर से प्रकट हुई माँ , सिन्धुसुधा कहलाती हो | चिरसमुंद्र सैश नाग पर, विष्णु चरण दबती हो || सुर नर मुनि जान ध्यावें, हो तुम भाग्य विधाता | हैं किस्मत के मारे , सोये भाग्य जगा जा || मैया लक्ष्मी आजा, बिगड़ी आज बना जा , हैं किस्मत के मारे , सोये भाग्य जगा जा (२) || तेरे आगे पीछे मैया, दौड़े दुनिया सारी | खुल जाती है किस्मत उनकी , जिनपे तू बलिहारी || हम भी तुझे बुलाएँ, छम छम करती आजा | हैं किस्मत के मारे , सोये भाग्य जगा जा || मैया लक्ष्मी आजा, बिगड़ी...