Posts

Showing posts with the label Pitrani Ji

आओ पितरसा, आओ पितरसा ....| Bhajan - 56 | Shri Pitar Dev Bhajan | Aao Pitarsaa, Aao Pitarsaa, Aao Pitarsaa

( तर्ज - धरती धोरां री …) अस्थाई आओ पितरसा , आओ पितरसा , आओ पितरसा ॥   अन्तरा थान हरखाँ स्यूं बुलावां , जाजम पलकां री बिछावां , कुकुम पगल्या स्यूँ पधरावां , आओ पितरसा -३ ॥१॥   थारी पल-पल रटन लगावाँ , निश-दिन म्हें तो थानै ध्यावां , थारी गौरव - गाथा गावाँ , आओ पितरसा -३ ॥२॥   मानस मन्दिर में बिठास्यां , दीया भक्ति रा जगास्याँ , म्हारो तन-मन चरण चढ़ास्याँ , आओ पितरसा-३ ॥३॥   थारो नाम लिया बल जागै , डर-भय सो सो कोसां भागै , जाण हरदम थे हो साग , आओ पितरसा -३ ॥ ४॥   थाँरो जागरण घणो सुहायो , म्हारे मन म आनन्द छायो , म्हानै सांचो परचो दिखायो , आओ पितरसा -३ ॥ ५॥

जय जय पितरजी महाराज ... | Bhajan - 7 | Pitar Ji Vandana || श्री पित्तरेश्वर वन्दना || Jai Jai Pitarji Ji Maharaj ...

अस्थाई जय जय पितरजी महाराज , मैं शरण पड्यो हूँ थारी।। टेर  ।। अन्तरा आप ही रक्षक , आप ही दाता , आप ही खेवन हारे। मैं मूरख हूँ कछु नहीं जानूँ , आप ही हो रखवारे  ।।१।।  जय जय ....   आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी , करने मेरी रख वारी। हम सब जन हैं शरण आपकी , है ये थारी फुल वारी ।।२।।  जय जय ....   देश और परदेस सब जगह , आप ही करो सहाई। काम पड़े पर नाम आपको , लगे बहुत सुख दाई ।।३।।  जय जय ....   मैं भी आयो शरण आपकी , अपने सहित परिवार। रक्षा करो आप ही सबकी , रटूं मैं बारम्बार ।।४।। जय जय ....

कीर्तन म थे पधारो .....| Bhajan - 6 | Pitar Ji Vandana || श्री पित्तरेश्वर वन्दना || Kirtan Ma The Padhaaro ...

( तर्ज : सावन का महीना......) कीर्तन म थे पधारो , म्हारा पित्तर जी महाराज। टाबर थारा बुलावे आ क , सारो सगला काज।   थार ही नाम की म्हे लगन लगाई , थारा ही देवा म्हें तो ज्योत जगाई। कीर्तन(मंगल) म थे आवो , लगावो बेड़ा पार।। टाबर थारा बुलावे....   घर म म्हारे आज खुशियाँ है छाई , गावो रे गावो मिलकर मंगल और बधाई-२ खुशियाँ थे भी बांटो , लाग्यो मनड़ म चाव।। टाबर थारा बुलावे....   मन ड़ की बातां देवा , थारां ना छानी। पलका उघाड़ो थे , तो हो अन्तरयामी सुख-समृद्धि देवो , यो थारो ही घर बार।। टाबर थारा बुलावे… ..