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Bhole Bhandari Ki Mahima Badi Nyaari ... | भोले भण्डारी की , महिमा बड़ी न्यारी है ... | Bhajan 173 |

   ॥ श्री शिव वन्दना॥। दोहा: अलख निरज॑न नीलकंठ, त्रिलोचन करतार, शरणों लिन्यो आपको, सदा भरो भण्डार (तर्ज : फरियाद मेरी सुनके.....) भोले भण्डारी की , महिमा बड़ी न्यारी है-२ ये भूतेश्वर बाबा, भोले त्रिपुरारी हैं || हे शिव शंकर तेरे, माथे पे चन्दा है, गले में सर्पों का हार, तेरी जट्टा में गंगा है शिव गौरी के प्यारे, नदी की सवारी है ||  भोले भण्डारी की  ... कर बैल सवारी तुम, नित धुनि रमाते हो, हे डमरू बाले तुम, क्यूँ हमें सताते हो हे भोले तेरे दर के, हम सब तो भिखारी हैं ||  भोले भण्डारी की  ... तुम बिन ना कोई मेरा, दुनियां में सहारा है, इस जीवन को हमनें, तुझ पर ही वारा है हमकों न भुला देना, हम निपट अनाड़ी हैं ||  भोले भण्डारी की  ... सबने ठुकराया है, अपनों में हूँ. बेगाना मुझको अपना लेना, सुनके मेरा अफ़शाना ये 'भक्त' कहे भोले, हम शरण तिहारी हैं ||  भोले भण्डारी की  ...

Chirmi Shiva Bhole Nath Ji | चिरमी शिव भोले नाथ जी | Bhajan 172 |

  (तर्ज ; चिरमी ) शिव कैलाशी, का है वासी, नित भाँग धतूरा खाय शिव भोले नाथ जी || माथे पे तो चंदा सोहे, और जटा में-र गंग समाय शिव भोले नाथ जी || गल सर्पों की माला लिपटे, कैसा अदूभुत-२ रूप दिखाय शिव भोले नाथ जी || ओडढ़े मृगछाला तो भोले, लेई त्रिशुल-२ हाथ उठाय 'शिव भोले नाथ जी || नन्दी की तो करे सवारी, और अंग-२ भभूति रमाय ़ शिव भोले नाथ जी || तप कैलाश पे करते भोले, जाने किसका-२ ध्यान लगाये कर शिव भोले नाथ जी || करते ताण्डव, नृत्य भोले, और डमरू-२ रहे बजाये शिव भोले नाथ जी || शिव भोले है औघड़दानी, दें दे जो भी मन मे आये शिव भोले नाथ जी || दास  “रवि" भी करता विनती, हमें देना-२ दरश दिखाय शिव भोले नाथ जी ||

Jisne Bhi Sache Man Se Shiv Bhole... | जिसने भी हे सच्चे मन से, शिव भोले | Bhajan 171 |

  ॥ श्री शिव वन्दना ॥  (तर्ज : जाने वाले एक सन्देशा... ) जिसने भी हे सच्चे मन से, शिव भोले का ध्यान किया  खुश होकर के शिव भोले ने, मन चाहा वरदान दिया ॥टेर॥  देवों में देव निराला, मेरा डमरू वाला है बातों की एक बात ये, भगतों का रखवाला हैं । | भगतों का हर काम प्रभु ने, पल में तुरन्त संवार दिया ॥1॥  खुश होकर के शिव भोले  ... देवों को अमृत मंधन में, हीरे मोती लुटा दिये,  जब विष की बारी आई तो, उसको कैंसे कौन पिये ।  नीलकण्ठ था नाम पड़ा तेरा, जब तुमने विषपान किया ॥2॥  खुश होकर के शिव भोले  ... भांग धतूरा खा कर भोला, पर्वत ऊपर वास करे, संग विराजे पारवती माँ, जो भगतों के कष्ट हरे । शिव शक्ति के सुमिरन ने, भगतों का बेड़ा पार किया ॥3॥  खुश होकर के शिव भोले  ... भोले अपने नाम को अब तो, कर साकार दिखादे तू,  हम सब है अज्ञानी वालक, ज्ञान की घूंट पिलादे तू । “भक्त मण्डल' आज प्रेम से, भोले तेरा नाम लिया ॥4॥  खुश होकर के शिव भोले  ...

शिव कैलाशों के वासी .. शंकर संकट हरना.. | Bhajan 165 | Shiv Kailasho Ke Wasi ... Shankar Sankat Harna ..

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भोले बाबा ssss शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजाss  ...2 शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना || तेरे कैलाशों का, अंत ना पाया , अंत बेअंत तेरी माया , ओ भोले बाबा ... अंत बेअंत तेरी माया || शिव कैलाशों के वासी ,  धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना ,  शंकर संकट हरना || बेल की पत्तीयां, भांग धतूरा शिवजी के मन को लुभाए ओ भोले बाबा शिवजी के मन को लुभाए || शिव कैलाशों के वासी ,  धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना ,  शंकर संकट हरना || एक था डेरा तेरा ,चं बेरे चगाना दूजा लाई दीतता भर मोरा ओ भोले बाबा दूजा लाई दीतता भर मोरा || शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजा.... शंकर संकट हरना ,  शंकर संकट हरना शिव कैलाशों के वासी ,  धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना ,  शंकर संकट हरना || ओ भोले बाबा.... शंकर संकट हारना || शंकर संकट हारना ||

आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे | Bhajan 133 | Aa Jao Bhole Baba Mere Makan Main | Shiv Bhole Bhajan ...

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आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान में॥ सुन डमरू की आवाज, गणपति जी आ गये, रिद्धि सिद्धि को लेकर के मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज, कान्हा जी आ गए, राधा माँ को लेकर के, मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज,विष्णु जी आ गए, लक्ष्मी माँ को लेकर के मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज, ब्रम्हा जी आ गए, माँ सरस्वती को लेकर, मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज, श्री राम आ गए, सीता माँ को लेकर के, मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में। Bhajan 128 | Milta Hai Sacha Sukh Kewal Bhagwan Tere Charnon Mei...

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मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में। यह विनती है पल पल छिन  छिन , रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥ चाहे बैरी सब संसार बने, चाहे जीवन मुझ पर भार बने। चाहे मौत गले का हार बने, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥ ॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥ चाहे अग्नि में मुझे जलना हो, चाहे काटों पे मुझे चलना हो। चाहे छोडके देश निकलना हो, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥ ॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥ चाहे संकट ने मुझे घेरा हो, चाहे चारों ओर अँधेरा हो। पर मन नहीं डग मग मेरा हो, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥ ॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥ जिव्हा पर तेरा नाम रहे, तेरा ध्यान सुबह और शाम रहे। तेरी याद तो आठों याम रहे, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में॥ ॥ मिलता है सच्चा सुख केवल...॥

ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम। Bhajan 131 | Aisi Subah Na Aaye, Aaye Na Aisi Shaam... Shiv Bhole Bhajan

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शिव है शक्ति, शिव है भक्ति, शिव है मुक्ति धाम। शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु, शिव है मेरा राम॥ ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम। जिस दिन जुबा पे मेरी, आए ना शिव का नाम॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥ मन मंदिर में वास है तेरा, तेरी छवि बसाई। प्यासी आत्मा बनके जोगन, तेरी शरण में आई। तेरी ही शरण में पाया, मैंने यह विश्राम ॥ ऐसी सुबह ना आए॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥ तेरी खोज में ना जेने, कितने युग मेरे बीते। अंत में काम क्रोध मद हारे, हे भोले तुम जीते। मुक्त किया तूने प्रभु मुझको, शत शत है प्रणाम ॥ ऐसी सुबह ना आए॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥ सर्व कला संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर। दर्शन देकर धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर। भाव सागर से तर जाउंगी, लेकर तेरा नाम ॥ ऐसी सुबह ना आए॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥

जप ले नमः शिवाय | Bhajan 115 | Jap Le Namah Shivay | Shri Bhole Shiv Bhajan

तेरा पल पल बीता जाए, मुख से जप ले नमः शिवाय। ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥ शिव शिव तुम हृदय से बोलो, मन मंदिर का परदा खोलो। अवसर खाली ना जाए, मुख से जप ले नमः शिवाय॥ ॥ तेरा पल पल बीता जाए...॥ यह दुनिया पंछी का मेला, समझो उड़ जाना है अकेला। तेरा तन यह साथ न जाय, मुख से जप ले नमः शिवाय॥ ॥ तेरा पल पल बीता जाए...॥ मुसाफिरी जब पूरी होगी, चलने की मजबूरी होगी। तेरा बिगड़ा प्राण रह जाये, मुख से जप ले नमः शिवाय॥ ॥ तेरा पल पल बीता जाए...॥ शिव पूजन में मस्त बने जा भक्ति सुधा रस पान किये जा। दर्शन विश्वनाथ के पाय, मुख से जप ले नमः शिवाय॥ ॥ तेरा पल पल बीता जाए...॥ तेरा पल पल बीता जाए, मुख से जप ले नमः शिवाय। ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥

भोले बाबा शरण मैं तुम्हारी .. | Bhajan - 108 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Bhole Baba Saran Main Tumhari ...

For Audio Click Here :  Bhole Baba Sharan Main Tumhari तर्ज : (हम  तुम्हे  चाहेंगे  ऐसे ..) भोले  बाबा  शरण  मैं  तुम्हारी .. २  बैठे  दर  पे  तेर E .. होS ओS बैठे  दर  पे  तेरे , कब  लोगे  खबर , हमारी ….  भोले  बाबा शरण  ….. अपनी  मस्ती  मैं , बैठे  हो  बाबा  .. २  क्यों  तुम  सुनते  नहीं  ... होS ओS क्यों  तुम  सुनते  नहीं , भगतो  से  क्यों  रूठे  हो  बाबा  …. भोले  बाबा  शरण  …….. भोले  भाले  हो , जग  से  निराले  .. २  टूटी  कश्ती  मेरी  … होS ओS टूटी  कश्ती  मेरी , भोले  करदी  है  तेरे  हवाले  ….. भोले  बाबा  शरण  …….. भोले  बनवारी , तेरा  पुजारी  .. २  भोले  कर  दो  दया  … होS ओS भोले  कर  दो  दया , तेरे  दर  का  ...

फरियाद मेरी सुनके, भोलेनाथ चले आना ... | Bhajan - 94 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Fariyaad Meri Sunke Bholenath Chale Aana ...

( तर्ज: ऐ मेरे दिल नादान..) फरियाद मेरी सुनके , भोलेनाथ चले आना। नित ध्यान धरूँ तेरा , बिगड़ी को बना जाना।।   तुझे अपना समझकर मैं , फरियाद सुनाता हूँ , तेरे दर पर आकर मैं , नित धुनी रमाता हूँ , क्यों भूल गये बाबा , मुझे समझ के बेगाना।। फरियाद मेरी सुनके...... ॥१॥   मेरी नाव भंवर डोले , तुम्ही तो खिवैया हो , जग के रखवाले तुम , तुम्ही तो कन्हैया हो , कर बैल सवारी तुम , भव पार लगा जाना।। फरियाद मेरी सुनके..... .॥२॥   तुम बिन न कोई मेरा , अब नाथ सहारा है , इस जीवन को मैंने , तुझ पर ही वारा है , मर्जी है तेरी बाबा , अच्छा नहीं तड़पाना ।। फरियाद मेरी सुनके..... .॥३॥   नैनों में भरे आंसू , क्यों तरस न खाते हो , क्या दोष हुआ मुझसे , मुझे क्यों ठुकराते हो , अब मेहर करो बाबा , सुनकर मेरा अफसाना।। फरियाद मेरी सुनके..... .।।४।।

बम बम करके द्वार पे तेरे ... | Bhajan - 81 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Bam Bam Karke Dwar Pe Tere ...

For Audio Click Here :   Bam Bam Karke Dwar Pe Tere बम  बम  करके  द्वार पे  तेरे  आ  बैठे -२  हमें  कुछ  न  मिला  सरकार , खाली  मिला  तेरा  दरवार, इसी  पे  आ  बैठे  ....  बम   बम   करके   द्वार   ...... ||   सारे  जग  मैं  बजता  है , डंका  तेरे  नाम का, कितने  पापी  तर  गए , जो  आये  तेरे  धाम पे, सच्चे  मन से  पूजे , जो  मेरे  भोले  नाथ  को , शीश  को  झुकादे , फैला  दे  दोनों  हाथ  को तेरा गुण गाये संसार ,   मुझे भी दे दे कुछ  सरकार , इसी  पे  आ  बैठे  ....  बम    बम    करके    द्वार    ...... || छोड़ेंगे  न  चौखट , की  हम  तेरे  दीवाने , होकर  ही  दम  लेंगे  की , हम भी  है  पुराने हम ...

चालो ऐ सखियाँ चालो ...| Bhajan - 78 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Chalo Ae Sakhiyan Chalo ...

( तर्ज- मारवाड़ी तोरन ) अस्थाई चालो ऐ सखियाँ चालो , हिमाचल के द्वारे राज । गोरां बाई को बीन्द निरखस्याँ , गोरो है या कालो राज ॥  चालो .. शिव भोले न सोहैं ये तो ,  गोराँ बाई न मोहे राज ॥  ऐसा कामण म्हारै , शिव भोले न सोहैं राज  ॥   चालो ..   बाघम्बर का वस्त्र पहरे , अंग विभूति रमावै राज । मस्तक पर तो चन्द्रमा सोहे , जटा में गंग विराजे राज ॥ काना में थारे कुण्डल सोहे , गल सर्पो की माला राज । नन्दी की असवारी सोहे , त्रिशुल हाथ में धाऱ्या राज ।। चालो ऐ सखियाँ... ॥१॥   भाँत-भाँत का आया बराती , कोई लूला कोई लंगड़ा राज । भूत प्रेत न सागै ल्याया , शिव को रूप अनोखो राज ॥ भाँग धतूरा करै कलेवो , बिजिया खूब चढ़ावै राज । शिव भोले का आया बराती , पापड़ पातल खाबै राज ॥ चालो ऐ सखियाँ... ॥२॥   शिव भोले को रूप देखकर , सखियाँ पाछी भागी राज। सखियाँ यूँ कहवैन लागी , बीन्द घणों ही भुण्डो राज ॥ गौरा बाई तो चाँद सरीसी , बीन्द कठे से आग्यो राज। हाँस हाँस कर सारी सखियाँ , गौरा बाई न चिड़ावै राज । चालो ऐ सखियाँ...  ॥३॥

बिगड़ी मेरी बना दो भोलेनाथ जी ...| Bhajan - 77 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Bigdi Meri Bana Do Bhole Nath Ji ...

For Audio Click Here :  Bigdi Meri Bana Do Bhole Nath Ji ( तर्ज : तूने ने मुझे बुलाया..) बिगड़ी मेरी बना दो भोलेनाथ जी , आया तेरे दर पे भोलेनाथ जी भोलेनाथ जी , ताड़कनाथ जी , हो विश्वनाथ जी ||   अन्तरा चरण पड़ा हूँ लाज तो रखना ,  अवगुण मेरे चित्त न धरना , हाथ दया का सिर पर रखना-२ कदम-कदम पर देना, मेरा साथजी ।। आया तेरे दर पे...   द्वार दया का जब तू खोले , पंचम स्वर में गूंगा बोले , अंधा देखे लंगड़ा चलकर-२ अजब तुम्हारी माया, भोलेनाथ जी  ।।   आया तेरे दर   पे...   तुझ से नाता जोड़ लिया है , झूठा बंधन तोड़ लिया है , जग से मुखड़ा मोड़ लिया है -२ दर पे शीश झुकाया, भोलेनाथ जी  ।।   आया तेरे दर   पे...   दर से खाली मोड़ न देना , मुझसे मुखड़ा मोड़ न लेना , झोली खाली तुम भर देना-२ तुम हो बाबा त्रिलोकी, के नाथ जी  ।।   आया तेरे दर   पे...

चली कॉवड़ियों की टोली ...| Bhajan - 76 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Chali Kanwadiyon Ki Toli ...

For Audio Click Here :  Chali Kawadiyo Ki Toli ( तर्ज : देखो मटकी पे मटकी.... ) चली कॉवड़ियों की टोली , खाके भंगिया की गोली , कांधे गंगाजल की कावड़ उठाई रे , बोली हर हर बम की लगाई रे , लगाई बोली हर-हर... ॥   भोली जी के धाम चले, सभी संग संग में रंग गये सब कोई, भक्ति के रंग में कोई नाचे कोई गाये , ताली मिल के बजाये देखो जब ये सावन ऋतु आई रे , बोली हर हर..... ॥१॥   पहने कोई पीला वस्त्र , कोई लाल लाल है। दाढी मूंछे मुँह पे बढी, रुखे सूखे बाल है। बने भोले के दीवाने , चले बाबा को मनाने देखो सुधबुध जब बिसराई रे , बोली हर हर...... ।२।   आंधी आये पानी आये , चाहे तपे धाम है। अपने मगन चले, भोलेजी के धाम है। जंगल होवे या पहाड़ी , पाँवधरे ना पिछाड़ी चले बच्चे बूढ़े लोग लुगाई रे , बोली हर हर.... ।३।

काली की नगरिया में, भोले की दुअरिया ... | Bhajan - 75 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Kaali Ki Nagariya Main Bhole Ki Duariya ...

( तर्ज : कौन दिशा में लेके..) काली की नगरिया में , भोले की दुअरिया , बैठे तारा माँ के साथ , मेरे बाबा भूतनाथ जरा जय करलो , जय करलो... ।। टेर।।   गंगा तट पर भूतनाथ का , भक्तों पावन धाम है , शमशानों का वासी है ये , सारे जग में नाम है , दुनियाँ आकर शीश झुकाये-२ , दर पे सुबहो शाम है , दूध चढ़ाये रे , चढ़ाये कोई भंगिया , बैठे तारा माँ के साथ... ।।१।   जलते मुर्दे की भस्मी से , आरती इनकी होत है , ज्योतिर्लिंगों के सम पावन , भूतेश्वर की ज्योत है , काला टीका हर माथे पर-२ , सोहे बनके भभूत है , भर के चढ़ाये कोई जल की गगरिया ,  बैठे तारा माँ के साथ... .।।२।।   सोमवार के दिन की भक्तों , महिमा बड़ी महान है , आने वाले हर सेवक को , मिलता दया का दान है , 'हर्ष' दिवाना भोले तेरा-२ , रोज करे गुणगान है , नाम पे तेरे नांचू बीच बजरिया ,  बैठे तारा माँ के साथ...  ।।३।।

भोला बाबा जी थानै अरज ...| Bhajan - 55 | Shri Shiv Bhole Bhajan | Bhola Baba Ji Thane Araj Sunawa ...

( तर्ज – पीलो ) अस्थाई भोला बाबा जी थानै अरज सुणावां जी , तो चरणों की धूल थारी माथै मांय लगावाँ जी ।। अरज … ।। अन्तरा थारो सो ओघड़दानी , दूजो ना कोई जी , तो पलक उघाड़ो दाता , थारा गुण गावाँ जी ॥ अरज सुणावाँ जी … ॥१॥   ऑक धतूरा खावो , बिजिया की घुंटी जी , तो नित प्रति शंकर जी की , हाजरी बजावाँ जी। अरज सुणावाँ जी … ॥२॥   गंगा जटा में थारे , मस्तक पर चन्दा जी , तो अंग विभूति थां पै , बलि बलि जावाँ जी। अरज सुणावाँ जी …  ॥३॥   श्याम बहादुर थारे , चरणां को चेरो जी , तो “ भक्त मण्डल ’ में आवो ' शिव ' प्रेम सँ बुलावाँ जी॥ अरज सुणावाँ जी …  ॥४॥