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Maat Shri Rani Sati Ji.. | Bhajan 174 | मात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री ....

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Song Link -  मात श्री राणीसती जी मेरी, मात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। पाय मैं पडूँ मात थारे, क्षमा कर चूक भयी म्हारे, अनेको विघन आप टारे, काज निज भक्तन के सारे, दोऊ कर जोड़े मैं खड़ा, जननी थारे द्वार, ओ मैया जननी थारे द्वार, दुखित दीन माँ जान के मुझको, जरा दो पलक उघाड़, कृपा कर बिलखत भयी देरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। कहत है सिद्धि मुनि ज्ञानी, तुम्ही जगदंबा राज रानी, मूक है कवियन की वाणी, की महिमा जात नही जानी, अखंड ज्योति प्रकाश है, व्यापक सकल जहान, ओ मैया व्यापक सकल जहान, सुंदर मंदिर रम्य शिखर, जाके ध्वजा उड़े आसमान, बजे है शंख तू रही मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। गरुड़ चढ़ कमलापति आए, सुदर्शन चक्र साथ लाए, ग्राह से गज को छुड़वाए, विमल यश तिहुँ लोक गाये, आप मात उस रीत से, सिंह सवारी साज, ओ मैया सिंह सवारी साज, आओ आतुर राखो अपने, शरण पड़े की लाज, लखुं मैं सौम्य सूरत तेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। भयानक तूफ़ा दिया घेरा...

Bhajan 164 | मंगल भवन, अमंगल हारी ... | Mangal Bhavan Amangal Haari ....

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  मंगल भवन, अमंगल हारी, द्रबहु सु दसरथ, अजिर बिहारी l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll हो, होइहै वही जो, राम रचि राखा, को करे तर्क, बढ़ाए साखा l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll हो, धीरज धरम, मित्र अरु नारी, आपद काल, परखिए चारी l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll हो, जेहिके जेहि पर, सत्य सनेहू, सो तेहि मिलय न, कछु सन्देहू l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll हो, जाकी रही, भावना जैसी, रघु मूरति, देखी तिन तैसी l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll हो, रघुकुल रीत, सदा चली आई, प्राण जाए पर, वचन न जाई l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll हो, हरि अनन्त, हरि कथा अनन्ता, कहहि सुनहि, बहुविधि सब संता l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll मंगल भवन, अमंगल हारी, द्रबहु सु दसरथ, अजिर बिहारी l राम सिया राम, सिया राम जय जय राम ll

Bhajan 162 | कभी दुर्गा बन के कभी काली बन के ... | Kabhi Durga Ban ke Kabhi Kaali Ban Ke ...

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कभी दुर्गा बन के कभी काली बन के चली आना मईया जी चली आना  ॥ ब्रह्मचारिणी रूप में आना ॥ भक्ति हाथ ले के, शक्ति साथ ले के  ॥ चली आना मईया जी चली आना  ॥ तुम दुर्गा रूप में आना ॥ सिंह साथ ले के, चक्क्र हाथ ले के  ॥ चली आना मईया जी चली आना  ॥ तुम काली रूप में आना ॥ खप्पर हाथ ले के, योगिन साथ ले के  ॥ चली आना मईया जी चली आना  ॥ तुम शीतला रूप में आना ॥ झाड़ू हाथ ले के, गधा साथ ले के  ॥ चली आना मईया जी चली आना  ॥ तुम गौरां रूप में आना ॥ माला हाथ ले के, गणपति साथ ले के  ॥ चली आना मईया जी चली आना  ॥ कभी दुर्गा बन के कभी काली बन के चली आना मईया जी चली आना  ॥

Bhajan 161 | श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। Shree Radhe Govinda Mann Bhaj le Hari Ka Pyaara Naam He ...

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श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है॥ मोर मुकुट सर गल बन माला, केसर तिलक लगाए, वृन्दावन में कुञ्ज गलिन में सब को नाच नचाए। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ गिरिधर नागर कहती मीरा, सूर को शयामल भाया, तुकाराम और नामदेव ने, विठ्ठल विठ्ठल गाया। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ नरसी ने खडताल बजा के, सांवरिया को रिझाया, शबरी ने अपने हाथों से, प्रभु को बेर खिलाया। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ राधा शक्ति बिना ना, कोई श्यामल दर्शन पाए, आराधन कर राधे राधे, काहना भागे आए। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ सिमरन का रस जिसको आया, वो ही जाने मन में, निराकार साकार होतरे, भगतों के आँगन में। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ श्याम सलोना कुंजबिहारी, नटवर लीलाधारी, अन्तर्वासी हरिअविनाशी, लागे शरण तिहारी। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्या...

Bhajan - 160 | राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई .. | Ram Naam Sukh Daayi..

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राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ ये तन है जंगल की लकड़ी, ये तन है जंगल की लकड़ी आग लगे जल जाए, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ ये तन है कागज की पूडिया, ये तन है कागज की पुडिया हवा चले उड़ जाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ ये तन है माटी का ढेला, ये तन है माटी का ढेला बूँद पड़े गल जाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ ये तन है फूलो का बगीचा, ये तन है फूलो का बगीचा धूप पड़े मुरझाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ ये तन है कच्ची है हवेली, ये तन है कच्ची है हवेली पल मे टूट जाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ ये तन है सपनो की माया, ये तन है सपनो की माया आँख खुले कुछ नाही, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥ राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ॥ राम नाम सुखदाई...॥

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची | Bhajan 155 | Shri Ganesh Aarti - Sukhkarta Dukhharta Varta Vighnachi

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  ।। श्री गणेशाय नमः ।। सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची |  नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची | सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची |  कंठी झरके माल मुक्ताफळाची || १ || जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती |  दर्शनमात्रे मनकामना पुरती || रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा |  चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा | हिरे जडित मुकुट शोभतो बरा |  रुणझुणती नुपुरे चरणी घागरिया || 2 || लंबोदर पितांबर फनी वरवंदना |  सरळ सोंड वक्रतुंड त्रिनयना | दास रामाचा वाट पाहे सदना |  संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवंदना | जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती |  दर्शनमात्रे मनकामना पुरती || ३ || ।। श्री गणेशाय नमः ।। Ganapati Aarti: Sukhkarta Dukhharta Sukhkarta Dukhharta Varta Vighnachi || Nurvi Purvi Prem Krupa Jayachi || Sarvangi Sundar Uti Shendurachi || Kanti Jhalke Mal Mukataphalaanchi..|| Jaidev Jaidev Jai Mangal Murti || Darshan Maatre Man: Kaamna Phurti || Ratnakhachit Phara Tujh Gaurikumra || Chandanaachi Uti Kumkumkeshara || Hirejadit Mukut Shobhato Bara || Runjhunati Nupure(2) C...

शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको । Bhajan 154 | Shri Ganesh Aarti Sidhi Vinayak

शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखको । दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरिहरको । हाथ लिए गुडलद्दु सांई सुरवरको । महिमा कहे न जाय लागत हूं पादको ॥ जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव ॥ अष्टौ सिद्धि दासी संकटको बैरि । विघ्नविनाशन मंगल मूरत अधिकारी । कोटीसूरजप्रकाश ऐबी छबि तेरी । गंडस्थलमदमस्तक झूले शशिबिहारि ॥ ॥ जय देव जय देव...॥ भावभगत से कोई शरणागत आवे । संतत संपत सबही भरपूर पावे । ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे । गोसावीनंदन निशिदिन गुन गावे ॥ जय देव जय देव, जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता, जय देव जय देव ॥

हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो | Bhajan 152 | He Maa Mujhko Aisa Ghar Do Jisme Tumhara Mandir Ho ...

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हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ x2 हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो। हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ, x3 जय जय माँ, जय जय माँx3  ॥ इक कमरा जिसमे तुम्हारा, आसन माता सजा रहे, हर पल हर छिन भक्तो का वहां, आना जान लगा रहे। छोटे बड़े का माँ उस घर में, एक सामान ही आदर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥ ॥ हे माँ मुझको ऐसा घर दे...॥ इस घर से कोई भी खाली, कभी सवाली जाए ना, चैन ना पाऊं तब तक दाती, जब तक चैन वो पाए ना। मुझको दो वरदान दया का, तुम तो दया का सागर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥ ॥ हे माँ मुझको ऐसा घर दे...॥ हर एक प्राणी उस घर का माँ, तेरी महिमा गाता रहे, तू रखे जिस हाल मैं दाती, हर पल शुक्र मनाता रहे  । कभी न हिम्मत हारे माता, चाहे शमा भयंकर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो॥ ॥ हे माँ मुझको ऐसा घर दे...॥ हे माँ मुझको ऐसा घर दे, जिसमे तुम्हारा मंदिर हो, ज्योत जगे दिन रैन तुम्हारी, तुम मंदिर के अन्दर हो। हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ,...

सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | Bhajan 148 | Sagla Ne Raazi Raakhijo O Dadi Mhari Rani Sati ...

 SONG LINK CLICK HERE कितनो बड़ो म्हारो भाग्य है दादी, थे म्हारी कुलदेवी, सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | मोटी थे सेठानी हो और जग में थारो नाम है, बड़ा बड़ा थे कारज सार्या,छोटो सो म्हारो काम है, अर्जी कर्णो फर्ज म्हारो,जोर कुछ चाले नहीं, थारी मर्जी के बिना इक पत्तो भी हाले नहीं, नित उठ थारो ध्यान धरां ए मईया,घनी करां मनुहार, पलक उघाड़ो जी..ओ दादी म्हारी रानी सती… सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | दादी म्हारी जिंदगी और दादी ही म्हारा प्राण है, दादी ही जद रूठगी तो जीने को के काम है, भूल सारी माफ़ कर द्यो,चरणां स्यूं लेवो लगाय, ठोकरां खाई बोहोत,अब आके सही रस्तो दिखा, थारे बिना कईयां जीवस्या ओ दादी,थे ही दिन्या बिसराय, ओल्यू थारी आवे जी..ओ दादी म्हारी रानी सती… सगळा नै राजी राखिजो,ओ दादी म्हारी रानी सती | थारो ही इक आसरो और थां पर दारमदार है, थारो थोड़ो मुलकनों और म्हारो बेड़ो पार है, थांसु दादी के कवां,थे ही जगत की मात हो, भादो में थारो झुंझुनू आऊं,परिवार मेरे साथ हो, टाबरिया नादान है मईया,सिर पे धरियो हाँथ, बस यो ही वर माँगा जी..ओ दादी म्हारी रानी सती… सगळा नै राजी र...

मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना । Bhajan 145 | Mujhe Raas Aa Gaya He Tere Dar Pe Sar Jhukana ...

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मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना । तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना ॥ मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले । तेरी याद ने बना दी, मेरी ज़िन्दगी फ़साना ॥  ||मुझे रास आ गया है|| मुझे इसका गम नहीं है, की बदल गया ज़माना । मेरी ज़िन्दगी के मालिक, कहीं तुम बदल न जाना ॥  ||मुझे रास आ गया है|| यह सर वो सर नहीं है, जिसे रख दूँ फिर उठा लूं । जब चढ़ गया चरण में, आता नहीं उठाना ॥  ||मुझे रास आ गया है|| तेरी सांवरी सी सुरत, मेरे मन में बस गयी है । ऐ सांवरे सलोने, अब और ना सताना ॥  ||मुझे रास आ गया है|| दुनियां की खा के ठोकर, मैं आया तेरे द्वारे । मेरे मुरली वाले मोहन, अब और ना सताना ॥  ||मुझे रास आ गया है|| मेरी आरजु यही है, दम निकले तेरे दर पे । अभी सांस चल रही है, कहीं तुम चले ना जाना ॥  ||मुझे रास आ गया है||

शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। Bhajan 139 | Sharan Main Aaye He Hum Tumhari ....

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शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी, दया करो हे दयालु भगवन। न हम में बल है, न हम में शक्ति। न हम में साधन, न हम में भक्ति। तुम्हारे दर के हैं हम भिखारी, दया करो हे दयालु भगवन। शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। प्रदान कर दो महान शक्ति, भरो हमारे में ज्ञान भक्ति। तभी कहाओगे ताप हारी, दया करो हे दयालु भगवन। शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। जो तुम पिता हो, तो हम हैं बालक। जो तुम हो स्वामी, तो हम हैं सेवक। जो तुम हो ठाकुर, तो हम पुजारी। दया करो हे दयालु भगवन। शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। भले जो हैं हम, तो हैं तुम्हारे। बुरे जो हैं हम, तो हैं तुम्हारे। तुम्हारे हो कर भी हम दुखारी। दया करो हे दयालु भगवन। शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। शरण में आये हैं हम तुम्हारी, दया करो हे दयालु भगवन। सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी, दया करो हे दयालु भगवन।

मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे | Bhajan 138 | Mere Ram Mere Ghar Aayenge | Shree Ram Bhilni Bhajan ...

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(तर्ज : दादी दादी बोल दादी सुन लेसी  ... ) मेरे राम मेरे घर आएंगे, आएंगे प्रभु आएंगे | प्रभु के दर्शन की आस है, और भीलनी को विशवास है मेरे राम मेरे घर आएंगे... अंगना रस्ता रोज बुहार रही, खड़ी खड़ी वो राह निहार रही मन में लगन, भीलनी मगन, भीलनी को भारी चाव है, और मन में प्रेम का भाव है मेरे राम मेरे घर आएंगे... ना जानू सेवा पूजा की रीत, क्या सोचेंगे मेरे मन के मीत शर्म आ रही, घबरा रही वो भोली भाली नार है, प्रभु को भोलों से प्यार है मेरे राम मेरे घर आएंगे... चुन चुन लायी खट्टे मीठे बेर, आने में क्यों करते हो प्रभु देर प्रभु आ रहे, मुस्का रहे, प्रभु के चरणो में गिर पड़ी, और असुअन की लागी झड़ी मेरे राम मेरे घर आएंगे... असुअन से धोए प्रभु जी के पैर, चख चख कर के खिला रही थी बेर प्रभु कह रहे, मुस्का रहे इक प्रेम के वष में राम है, और प्रेम का यह परिणाम है मेरे राम मेरे घर आएंगे... प्रभु तेरी खातिर अटक रहे थे प्राण, मुक्ति दे दो मुझको कृपा निधान लेलो शरण, अपनी चरण शबरी से बोले राम हैं, जा खुला तेरे लिए धाम है मेरे राम मेरे घर आएंगे... जो कोई ढूंढे प्रभु को दिन और रात, उसे ढूंढ़ते इक दिन दीना...

हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता। Bhajan 137 | Hamare Saath Shree Raghunath To Kis Baat Ki Chinta ...

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हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता। शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता। किया करते हो तुम दिन रात, क्यों बिन बात की चिंता किया करते हो तुम दिन रात, क्यों बिन बात की चिंता। तेरे स्वामी, तेरे स्वामी, तेरे स्वामी, तेरे स्वामी को रहती है, तेरे हर बात की चिंता। ॥ हमारे साथ श्री रघुनाथ तो...॥ न खाने की, न पीने की, न मरने की, न जीने की। न खाने की, न पीने की, न मरने की, न जीने की। रहे हर स्वास, रहे हर स्वास, रहे हर स्वास रहे हर स्वास में भगवान के प्रिय नाम की चिंता। ॥ हमारे साथ श्री रघुनाथ तो...॥ विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में। विभीषण को अभय वर दे किया लंकेश पल भर में। उन्ही का हाँ, उन्ही का हाँ, उन्ही का हाँ उन्ही का हाँ कर रहे गुण गान तो किस बात की चिंता। ॥ हमारे साथ श्री रघुनाथ तो...॥ हुई भक्त पर किरपा, बनाया दास प्रभु अपना। हुई भक्त पर किरपा, बनाया दास प्रभु अपना। उन्ही के हाथ, उन्ही के हाथ, उन्ही के हाथ, उन्ही के हाथ में अब हाथ तो किस बात की चिंता। ॥ हमारे साथ श्री रघुनाथ तो...॥

आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे | Bhajan 133 | Aa Jao Bhole Baba Mere Makan Main | Shiv Bhole Bhajan ...

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आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान में॥ सुन डमरू की आवाज, गणपति जी आ गये, रिद्धि सिद्धि को लेकर के मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज, कान्हा जी आ गए, राधा माँ को लेकर के, मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज,विष्णु जी आ गए, लक्ष्मी माँ को लेकर के मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज, ब्रम्हा जी आ गए, माँ सरस्वती को लेकर, मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥ सुन डमरू की आवाज, श्री राम आ गए, सीता माँ को लेकर के, मेरे मकान मे, तेरा डम डम डमरू बोले सारे जहान मे ॥ आ जाओ ॥

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम | Bhajan 123 | Badi Der Bhai Kab Loge Khabar More Ram ....

बड़ी देर भई, बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम, बड़ी देर भई, कहते हैं तुम हो दया के सागर, फिर क्यूँ खाली मेरी गागर, झूमें झुके कभी ना बरसे, कैसे हो तुम घनश्याम , हे राम, हे राम बड़ी देर भई, बड़ी देर भई, ॥ कब लोगे खबर...॥ सुनके जो बहरे बन जाओगे , आप ही छलिया कह लाओगे, मेरी बात बने ना बने , हो जाओगे तुम बदनाम, हे राम, हे राम बड़ी देर भई, बड़ी देर भई, ॥ कब लोगे खबर...॥ चलते-चलते मेरे पग हारे, आई जीवन की शाम , कब लोगे खबर मोरे राम, हे राम, हे राम बड़ी देर भई, बड़ी देर भई, कब लोगे खबर मोरे राम, बड़ी देर भई,

राधा को नाम अनमोल, बोलो राधे राधे। Bhajan - 119 | Radha Ko Naam Anmol ....

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राधा को नाम अनमोल, बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल, बोलो राधे राधे॥ ब्रह्मा भी बोले राधे, विष्णु भी बोले राधे। शंकर के डमरू से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ गंगा भी बोले राधे, यमुना भी बोले राधे। सरयू की धार से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ चंदा भी बोले राधे, सूरज भी बोले राधे। तारो के मंडल से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ गैया भी बोले राधे, बछड़ा भी बोले राधे। ढूध की धार से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥ गोपी भी बोले राधे, ग्वाले भी बोले राधे। बृज की सब गालिओ से आवाज आवे राधे राधे॥ राधा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे। श्यामा को नाम अनमोल बोलो राधे राधे॥

श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है | Bhajan 118 | Shri Radhe Govinda Mann Bhaj Le ....

श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है॥ मोर मुकुट सर गल बन माला, केसर तिलक लगाए, वृन्दावन में कुञ्ज गलिन में सब को नाच नचाए। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ गिरिधर नागर कहती मीरा, सूर को शयामल भाया, तुकाराम और नामदेव ने विठ्ठल विठ्ठल गाया। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ नरसी ने खडताल बजा के सांवरिया को रिझाया, शबरी ने अपने हाथों से प्रभु को बेर खिलाया। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ राधा शक्ति बिना ना कोई श्यामल दर्शन पाए, आराधन कर राधे राधे काहना भागे आए। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ सिमरन का रस जिसको आया, वो ही जाने मन में, निराकार साकार होतरे भगतों के आँगन में। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ श्याम सलोना कुंजबिहारी नटवर लीलाधारी, अन्तर्वासी हरिअविनाशी लागे शरण तिहारी। श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है॥ श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है। गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम ह...

जिसके जीवन मैं, मिला सत्संग हैं | Bhajan 117 | Jisko Jeevan Main Mila Satsang Hai

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जिसके जीवन मैं, मिला सत्संग हैं, उसे हर घड़ी, आनंद ही आनंद है। जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं, उसे हरदम आनंद ही आनंद है। - x2 जिसका हरी से, जुड़ा संबंध हैं, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है। - x4 सूरदास मीरा कबीरा ने गया, तुलसी नानक ने भी दर्शन पाया। - x2 जिसके हृदय मे राम नाम बंद है, जिसके हृदय मे राम नाम बंद है, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है। - x2 जिसके जीवन मैं मिला सत्संग हैं, उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है। जिसका जीवन सच्चाई में ढल गया, उसके पापों का पर्वत भी ढल गया, उसके रोम रोम मे बस गोविंद  है। संत और ऋषियो की वाणी को मानो, तत्व क्या है जगत का ये मन मे पहचानो। जिसका चौरासी कट जाए फंद है उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है। जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं, उसे हरदम आनंद ही आनंद है। - x2 स्वर्ग जाने की इच्छा नहीं है  । मुक्ति पाने की इच्छा नहीं है  । उसे ही मिलता यहाँ परमानंद है  । उसे हर घड़ी आनंद ही आनंद है। जिसे जीवन मैं मिला सत्संग हैं, उसे हरदम आनंद ही आनंद है। - x2