Bhajan 162 | कभी दुर्गा बन के कभी काली बन के ... | Kabhi Durga Ban ke Kabhi Kaali Ban Ke ...



कभी दुर्गा बन के कभी काली बन के
चली आना मईया जी चली आना 


ब्रह्मचारिणी रूप में आना ॥
भक्ति हाथ ले के, शक्ति साथ ले के 
चली आना मईया जी चली आना 

तुम दुर्गा रूप में आना ॥
सिंह साथ ले के, चक्क्र हाथ ले के 
चली आना मईया जी चली आना 

तुम काली रूप में आना ॥
खप्पर हाथ ले के, योगिन साथ ले के 
चली आना मईया जी चली आना 

तुम शीतला रूप में आना ॥
झाड़ू हाथ ले के, गधा साथ ले के 
चली आना मईया जी चली आना 

तुम गौरां रूप में आना ॥
माला हाथ ले के, गणपति साथ ले के 
चली आना मईया जी चली आना 

कभी दुर्गा बन के कभी काली बन के
चली आना मईया जी चली आना 


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