दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से | Bhajan 158 | Dinanath Meri Baat Chaani Koni Tere Se ...
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो
श्याम प्रभु रूप तेरो, नैणां में समां गयो
बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले
दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले
पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं
भक्त खड़ा तेरे, चरणां ने चूमे हैं
खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
खाओ हो थे खीर चूरमो, लीले ऊपर घूमो हो
सेवका न बाबा थे, क़द्दे ही कोनी भूलो हो
टाबरियाँ की झोली भर, भेजो थारे डेरे से
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से ||
Comments