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सांवरे हारे का सहारा तेरा नाम है | Saanvre Haare ka Sahara Tera Naam Hai | Bhajan 179

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  दोहा – मन को मारने से कुछ नहीं होगा, ऐसे हारने से कुछ नहीं होगा, एक धाम हैं जिसे मैं जानता हूँ पहुँच जा खाटू, वहां जाने से बहुत कुछ होगा। सांवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, इस दुनिया में हारे हुओं को, मिलता यहाँ आराम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है ॥ सपने जो मेरे, आधे अधूरे, खाटू वाले श्याम बाबा, कर दो पूरे, इस दुनिया में लखदातारी, तेरा साँवरिया नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है ॥ मैं भी हूँ चाहता, मेरा भी नाम हो, मेरी पहचान मेरा, खाटू वाला श्याम हो, दुनिया की दौलत बाद की बातें, जान से प्यारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है ॥ देखे है हमने,जग के नजारे, सारे है फीके बाबा, आगे तुम्हारे, भजन करूँ तुझे नमन करूँ, सुबह शाम यही मेरा काम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है ॥ साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, साँवरे हारे का सहारा तेरा नाम है, इस दुनिया में हारे हुओं को, मिलता यहाँ आराम है, साँवरे ...

तेरी मोरछड़ी बाबा जब भी लहराती है | Teri Morchadi Baba Jab Bhi Lehrati Hai | Bhajan 179

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तर्ज –   तू किरपा कर बाबा। तेरी मोरछड़ी बाबा जब भी लहराती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥ जो दीन दुखी तेरे दरबार में है आता, तेरी मोरछड़ी से वो पल भर में तर जाता, सारे कष्टों की वो औषधि बन जाती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥ तेरी मोरछड़ी बाबा जब भी लहराती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥ तेरी मोरछड़ी बाबा थामे रहना हर दम, जो आये शरण तेरी कट जाएँ सारे गम, तेरी मोरछड़ी बाबा हर दुःख से बचाती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥ तेरी मोरछड़ी बाबा जब भी लहराती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥ अपने भक्तों को तुम झाड़ा देना इसका, जैसा हो जिसका दुःख कट जाए वो सबका, ‘हरि’ मोरछड़ी तेरी किरपा बरसाती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥ तेरी मोरछड़ी बाबा जब भी लहराती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है ॥

बाबा की किरपा जिसपे हो जाये, मौज उड़ाये | Baba Ki Kirpa Jispe Ho jaye, Mauj Udaye | Bhajan 178

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  बाबा की किरपा जिसपे हो जाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये, ले ले तू नाम ले ले, बाबा का नाम ले ले, सुबह को श्याम ले ले, बाबा की किरपा जिस पे हो जाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये || चाहे गरीब हो, चाहे फ़कीर हो, चाहे बुरी से बुरी, उस की तकदीर हो, बाबा दयालु, सब को निभाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये || बाबा की किरपा जिसपे हो जाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये || पीतल की सोना, कंकर का मोती, बन जाये पल में, किरपा जो होती, पल में करिश्मा, करके दिखाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये || बाबा की किरपा जिसपे हो जाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये || बाबा के बेटे, दुःख नहीं पाते, वनवारी हर दम, खुशियां मनाते, भक्तो का दुःख ले, खुद ही उठाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये || बाबा की किरपा जिसपे हो जाये, मौज उड़ाये मौज उड़ाये ||

मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएँगे | Meree Jhopadee Ke Bhaag, Aaj Khul Jaenge, Ram Aaenge | Bhajan 177

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मेरी झोपड़ी के भाग ,  आज खुल जाएंगे , राम आएँगे , राम आएँगे आएँगे ,  राम आएँगे , मेरी झोपडी के भाग ,  आज खुल जाएंगे , राम आएँगे ॥ राम आएँगे तो ,  आंगना सजाऊँगी , दिप जलाके ,  दिवाली मनाऊँगी , मेरे जन्मो के सारे ,  पाप मिट जाएंगे , राम आएँगे , मेरी झोपडी के भाग ,  आज खुल जाएंगे , राम आएँगे ॥   राम झूलेंगे तो ,  पालना झुलाऊँगी , मीठे मीठे मैं ,  भजन सुनाऊँगी , मेरी जिंदगी के ,  सारे दुःख मिट जाएँगे , राम आएँगे , मेरी झोपडी के भाग ,  आज खुल जाएंगे , राम आएँगे ॥   मैं तो रूचि रूचि ,  भोग लगाऊँगी , माखन मिश्री मैं ,  राम को खिलाऊंगी , प्यारी प्यारी राधे ,  प्यारे श्याम संग आएँगे , श्याम आएँगे , मेरी झोपडी के भाग ,  आज खुल जाएंगे , राम आएँगे ॥   मेरा जनम सफल ,  हो जाएगा , तन झूमेगा और ,  मन गीत गाएगा , राम सुन्दर मेरी ,  किस्मत चमकाएंगे , राम आएँगे , मेर...

मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी .. | Matwali Mehendi Ae.. Dadi Ke Hatha Rachgi | Dadi Bhajan : 180

  मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी तर्ज : नखरालो देवरियो  मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी हाथां रचगी...माँ के हाथां रचगी... कामण गारी मेंहदी ए,दादी के हाथां रचगी... हे अनमोल सुहाग निशानी,तेरी किस्मत न्यारी दादी जी के हाँथ रची तू,लागे प्यारी प्यारी श्यामल गारी मेंहदी ए,हाथां की शोभा बणगी मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी घनी राचणी मेंहदी गंगाजल में म्हे घुलवायी चांदी की चौकी पर बैठी दादी हाँथ मण्डाई जादूगारी मेंहदी ए,दादी पर जादू करगी मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी सर्व-सुहागन हे बड़भागान तन्ने हाँथ रचावे लाल सुरंगी रचकर तू हाथां को मान बढ़ावे बड़ी प्यारी मेंहदी ए,दादी के मन बसगी मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी मेंहदी तेरा भाग अनोखा,दादी के मन भायी दादी जी किरपा ताईं तरसे लोग-लुगाई प्यारी-प्यारी मेंहदी ए,हरष के हिये रमगी मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी मतवाली मेंहदी ए दादी के हाथां रचगी हाथां रचगी...माँ के हाथां रचगी... कामण गारी मेंहदी ए,दादी के हाथां रचगी...

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया | Odho Dadi Mhari Bhi Chunariya | Dadi Bhajan - 179

  ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया                                        तर्ज : खम्मा खम्मा ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया, शान से ल्याया थारा, टाबरिया थारा बालकिया, ओढो म्हारी भी चुनरिया, ओढो जी ओढो दादी, म्हारी भी चुनरिया ॥ राचणी मेहंदी थारे, हाथां में लगावा, गजरो बनावा थारे, जुड़े में सजावा, फूल मंगाया बढ़िया बढ़िया, ओढो म्हारी भी चुनरिया, ओढो जी ओढो दादी, म्हारी भी चुनरिया ॥ दादी जी आओ थारे, भोग लगावा, हलवा पूड़ी मेवा का, थाल सजावा, खीर बनवाई दादी केसरिया, ओढो म्हारी भी चुनरिया, ओढो जी ओढो दादी, म्हारी भी चुनरिया ॥ चुनड़ी ओढ़ाया म्हारो, मान बढ़ेगो, और भी थारो, सिणगार खिलेगो, ‘सोनू’ सरावेगी या सारी दुनिया, ओढो म्हारी भी चुनरिया, ओढो जी ओढो दादी, म्हारी भी चुनरिया ॥ ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया, शान से ल्याया थारा, टाबरिया थारा बालकिया, ओढो म्हारी भी चुनरिया, ओढो जी ओढो दादी, म्हारी भी चुनरिया ॥

रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति ... | Bhajan 176 | Ridhi Sidhi ke Data Ganapati ....

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  फ़िल्मी तर्ज - हाल क्या है दिलो का  रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,  आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,  पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,  लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,  रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति। - 2  सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,  आज बिगड़ी हमारी बना लीजिये,  ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,  तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,  रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।  तेरी भक्ति का दील मे नशा चूर हो,  बस आँखो मे बाबा तेरा नूर हो,  कण्ठ पे शारदा माँ हमेशा रहे,  रिध्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिये,  रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।  सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,  सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम,  ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे,  बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये,  रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।  रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,  आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,  पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,  लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,  रिध्द...

मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ | Bhajan 175 | Mere Kirtan Mein Rang Barsao ....

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  मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ || ब्रह्मा तुम भी पधारो, विष्णु तुम भी पधारो, भोले शंकर को साथ ले आओ, आओ जी गजानन आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ || लक्ष्मी तुम भी पधारो, गौरा तुम भी पधारो, सरस्वती को साथ ले आओ आओ जी गजानन आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ || राम तुम भी पधारो, लक्ष्मण तुम भी पधारो, सीता मैया को साथ ले आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ || श्याम तुम भी पधारो, राम तुम भी पधारो, राधा रानी को साथ ले आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ || हनुमत तुम भी पधारो, नारद तुम भी पधारो, मैया रानी को साथ ले आओ, मेरे कीर्तन में रंग बरसाओ, आओ जी गजानन आओ ||

Maat Shri Rani Sati Ji.. | Bhajan 174 | मात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री ....

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Song Link -  मात श्री राणीसती जी मेरी, मात श्री राणीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। पाय मैं पडूँ मात थारे, क्षमा कर चूक भयी म्हारे, अनेको विघन आप टारे, काज निज भक्तन के सारे, दोऊ कर जोड़े मैं खड़ा, जननी थारे द्वार, ओ मैया जननी थारे द्वार, दुखित दीन माँ जान के मुझको, जरा दो पलक उघाड़, कृपा कर बिलखत भयी देरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। कहत है सिद्धि मुनि ज्ञानी, तुम्ही जगदंबा राज रानी, मूक है कवियन की वाणी, की महिमा जात नही जानी, अखंड ज्योति प्रकाश है, व्यापक सकल जहान, ओ मैया व्यापक सकल जहान, सुंदर मंदिर रम्य शिखर, जाके ध्वजा उड़े आसमान, बजे है शंख तू रही मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। गरुड़ चढ़ कमलापति आए, सुदर्शन चक्र साथ लाए, ग्राह से गज को छुड़वाए, विमल यश तिहुँ लोक गाये, आप मात उस रीत से, सिंह सवारी साज, ओ मैया सिंह सवारी साज, आओ आतुर राखो अपने, शरण पड़े की लाज, लखुं मैं सौम्य सूरत तेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री। मात श्री रानीसती जी मेरी, कष्ट कर दूर भक्त के री।। भयानक तूफ़ा दिया घेरा...

Bhole Bhandari Ki Mahima Badi Nyaari ... | भोले भण्डारी की , महिमा बड़ी न्यारी है ... | Bhajan 173 |

   ॥ श्री शिव वन्दना॥। दोहा: अलख निरज॑न नीलकंठ, त्रिलोचन करतार, शरणों लिन्यो आपको, सदा भरो भण्डार (तर्ज : फरियाद मेरी सुनके.....) भोले भण्डारी की , महिमा बड़ी न्यारी है-२ ये भूतेश्वर बाबा, भोले त्रिपुरारी हैं || हे शिव शंकर तेरे, माथे पे चन्दा है, गले में सर्पों का हार, तेरी जट्टा में गंगा है शिव गौरी के प्यारे, नदी की सवारी है ||  भोले भण्डारी की  ... कर बैल सवारी तुम, नित धुनि रमाते हो, हे डमरू बाले तुम, क्यूँ हमें सताते हो हे भोले तेरे दर के, हम सब तो भिखारी हैं ||  भोले भण्डारी की  ... तुम बिन ना कोई मेरा, दुनियां में सहारा है, इस जीवन को हमनें, तुझ पर ही वारा है हमकों न भुला देना, हम निपट अनाड़ी हैं ||  भोले भण्डारी की  ... सबने ठुकराया है, अपनों में हूँ. बेगाना मुझको अपना लेना, सुनके मेरा अफ़शाना ये 'भक्त' कहे भोले, हम शरण तिहारी हैं ||  भोले भण्डारी की  ...

Chirmi Shiva Bhole Nath Ji | चिरमी शिव भोले नाथ जी | Bhajan 172 |

  (तर्ज ; चिरमी ) शिव कैलाशी, का है वासी, नित भाँग धतूरा खाय शिव भोले नाथ जी || माथे पे तो चंदा सोहे, और जटा में-र गंग समाय शिव भोले नाथ जी || गल सर्पों की माला लिपटे, कैसा अदूभुत-२ रूप दिखाय शिव भोले नाथ जी || ओडढ़े मृगछाला तो भोले, लेई त्रिशुल-२ हाथ उठाय 'शिव भोले नाथ जी || नन्दी की तो करे सवारी, और अंग-२ भभूति रमाय ़ शिव भोले नाथ जी || तप कैलाश पे करते भोले, जाने किसका-२ ध्यान लगाये कर शिव भोले नाथ जी || करते ताण्डव, नृत्य भोले, और डमरू-२ रहे बजाये शिव भोले नाथ जी || शिव भोले है औघड़दानी, दें दे जो भी मन मे आये शिव भोले नाथ जी || दास  “रवि" भी करता विनती, हमें देना-२ दरश दिखाय शिव भोले नाथ जी ||

Jisne Bhi Sache Man Se Shiv Bhole... | जिसने भी हे सच्चे मन से, शिव भोले | Bhajan 171 |

  ॥ श्री शिव वन्दना ॥  (तर्ज : जाने वाले एक सन्देशा... ) जिसने भी हे सच्चे मन से, शिव भोले का ध्यान किया  खुश होकर के शिव भोले ने, मन चाहा वरदान दिया ॥टेर॥  देवों में देव निराला, मेरा डमरू वाला है बातों की एक बात ये, भगतों का रखवाला हैं । | भगतों का हर काम प्रभु ने, पल में तुरन्त संवार दिया ॥1॥  खुश होकर के शिव भोले  ... देवों को अमृत मंधन में, हीरे मोती लुटा दिये,  जब विष की बारी आई तो, उसको कैंसे कौन पिये ।  नीलकण्ठ था नाम पड़ा तेरा, जब तुमने विषपान किया ॥2॥  खुश होकर के शिव भोले  ... भांग धतूरा खा कर भोला, पर्वत ऊपर वास करे, संग विराजे पारवती माँ, जो भगतों के कष्ट हरे । शिव शक्ति के सुमिरन ने, भगतों का बेड़ा पार किया ॥3॥  खुश होकर के शिव भोले  ... भोले अपने नाम को अब तो, कर साकार दिखादे तू,  हम सब है अज्ञानी वालक, ज्ञान की घूंट पिलादे तू । “भक्त मण्डल' आज प्रेम से, भोले तेरा नाम लिया ॥4॥  खुश होकर के शिव भोले  ...

सुनों सुनों हनुमान जी, एक जरुरी काम जी | Song 170 | Suno Suno Hanuman Ji...

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सुनों सुनों हनुमान जी, एक जरुरी काम जी, सुनो सुनो हनुमान जी, एक जरुरी काम जी, राम प्रभु से करवा दयो, भगता की पहचान जी। राम प्रभु के दर पे थारो, रोज को आणों जाणों है, छोटो है काम म्हारो, थाने ही पटवाणों है, थारा करा गुणगान जी, अर्जी पे दो ध्यान जी, राम प्रभु से करवा दयो, भगता की पहचान जी। थे हो भगत श्री राम प्रभु का, और भगत म्हे थारा जी, राम प्रभु पे बने हैं बाबा, थोड़ा हक़ तो म्हारा भी, मानांगा अहसान जी, पूरा करो अरमान जी, राम प्रभु से करवा दयो, भगता की पहचान जी। स्वारथ की है सारी दुनियां, बात या म्हारे मतलब की, कहे पवन दरकार म्हाने, इसीलिए थारी पड़गी, जद निकले है प्राण जी, मुक्ति देवे राम जी, राम प्रभु से करवा दयो, भगता की पहचान जी। सुनों सुनों हनुमान जी, एक जरुरी काम जी, सुनो सुनो हनुमान जी, एक जरुरी काम जी, राम प्रभु से करवा दयो, भगता की पहचान जी।

ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/वैसा बन जाऊँ | SONG 169 | Ye Meri Arji Hai Main Vaisi Ban Jaun ....

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ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/ वैसा  बन जाऊँ, जो तेरी मर्जी है, फिर कैसी बाधा है,  फिर कैसी बाधा है,  जब साँसों में मोहन, धड़कन में राधा है, जग रोक ना पायेगा,  ज़ग रोक ना पायेगा, वो मीरा नाचेगी, जब श्याम नचायेगा,  ये इश्क की बाजी है,  ये इश्क़ की बाजी है, कोई माने या ना माने,  मेरा श्याम तो राजी है, ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/ वैसा  बन जाऊँ, जो तेरी मर्जी है, लफ्जो का टोटा है, लफ्जो का टोटा है, जिक्र प्यारे का, अश्को से होता है, ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/ वैसा  बन जाऊँ, जो तेरी मर्जी है, छम छम छम बारिश है, छम छम छम बारिश है, मोहन घर आजा, हर बून्द सिफारिश है, ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/ वैसा  बन जाऊँ, जो तेरी मर्जी है, वो इतना प्यारा है, वो इतना प्यारा है, चाँद कहे उससे, तू चाँद हमारा है, ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/ वैसा  बन जाऊँ, जो तेरी मर्जी है, जग रोक ना पाएगा, जग रोक ना पाएगा, मीरा नाचेगी, जब श्याम बुलाएगा, ये मेरी अर्जी है, मै वैसी/ वैसा  बन जाऊँ, जो तेरी मर्जी है,