ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया | Odho Dadi Mhari Bhi Chunariya | Dadi Bhajan - 179

 

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी, म्हारी भी चुनरिया

                                      तर्ज : खम्मा खम्मा


ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया थारा बालकिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

राचणी मेहंदी थारे,
हाथां में लगावा,
गजरो बनावा थारे,
जुड़े में सजावा,
फूल मंगाया बढ़िया बढ़िया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

दादी जी आओ थारे,
भोग लगावा,
हलवा पूड़ी मेवा का,
थाल सजावा,
खीर बनवाई दादी केसरिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

चुनड़ी ओढ़ाया म्हारो,
मान बढ़ेगो,
और भी थारो,
सिणगार खिलेगो,
‘सोनू’ सरावेगी या सारी दुनिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया थारा बालकिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया ॥

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