शिव कैलाशों के वासी .. शंकर संकट हरना.. | Bhajan 165 | Shiv Kailasho Ke Wasi ... Shankar Sankat Harna ..
भोले बाबा ssss शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजाss ...2 शंकर संकट हरना... शंकर संकट हरना || तेरे कैलाशों का, अंत ना पाया , अंत बेअंत तेरी माया , ओ भोले बाबा ... अंत बेअंत तेरी माया || शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना , शंकर संकट हरना || बेल की पत्तीयां, भांग धतूरा शिवजी के मन को लुभाए ओ भोले बाबा शिवजी के मन को लुभाए || शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना , शंकर संकट हरना || एक था डेरा तेरा ,चं बेरे चगाना दूजा लाई दीतता भर मोरा ओ भोले बाबा दूजा लाई दीतता भर मोरा || शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजा.... शंकर संकट हरना , शंकर संकट हरना शिव कैलाशों के वासी , धौलीधारों के राजा शंकर संकट हरना , शंकर संकट हरना || ओ भोले बाबा.... शंकर संकट हारना || शंकर संकट हारना ||