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राधिका गोरी से बिरज की छोरी से | Bhajan 159 | Radhika Gori Se Biraj Ki Chori Se ...

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राधिका गोरी से बिरज की छोरी से, ॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥ मैया करादे मेरो ब्याह ... उम्र तेरी छोटी है, नज़र तेरी खोटी है, कैसे करादू तेरो ब्याह ... .॥ जो नहीं ब्याह कराये, तेरी गैया नहीं चराऊ आज के बाद मेरी मैया तेरी देहली पर न आऊँ आएगा रे मज़्ज़ा रे मज़्ज़ा अब जीत हार का ॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥ चन्दन की चौकी पर मैया तुझको बिठाऊँ अपनी राधा से मैं चरण तेरे दबवाऊं भोजन मैं बनवाऊंगा बनवाऊंगा, छप्पन प्रकार के ॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥ छोटी सी दुल्हनिया जब अंगना में डोलेगी तेरे सामने मैया वो घूँघट न खोलेगी दाऊ से जा कहो जा कहो बैठेंगे द्वार पे ॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥ सुन बातें कान्हा की मैया बैठी मुस्काएं लेके बलैयां मैया हिवडे से अपने लगाये नज़र कहीं लग जाये न लग जाये न मेरे लाल को ॥ राधिका गोरी से बिरज की छोरी से...॥ राधिका गोरी से बिराज की छोरी से कान्हा कारादू तेरो बियाह ...........

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से | Bhajan 158 | Dinanath Meri Baat Chaani Koni Tere Se ...

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दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो श्याम प्रभु रूप तेरो, नैणां में समां गयो बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले दुखड़े को मारयो मन, कालजे लगायले पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || मुरली अधर पे, कदम तल झूमे हैं भक्त खड़ा तेरे, चरणां ने चूमे हैं खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे-नेरे से आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाओ हो थे खीर चूरमो, लीले ऊपर घूमो हो सेवका न बाबा थे, क़द्दे ही कोनी भूलो हो टाबरियाँ की झोली भर, भेजो थारे डेरे से आँखड़ली चुराकर...